Tomato Prices: नीबू के बाद टमाटर की कीमतों में तेजी, जानें कितना जा सकता है भाव

Tomato Prices: After lemon, tomato prices rise, know how much the price can go

 

Haryana Update. टमाटर इस बार खूब लाल है। गत 60-70 रुपये तक बिक चुकी टमाटर की एक क्रेट इस बार 900-1100 रुपये तक पहुंच गई। मंडियों के जानकार दामों में और भी बढ़ोतरी की संभावना जता रहे हैं। उत्पादकों के मुताबिक इन दिनों यह रेट अब तक के तमाम रिकार्ड तोड़ रहा है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में पैदावार कम है, लेकिन अचानक आए इस उछाल से उत्पादक किसान काफी उत्साहित हैं। किसानों का कहना है कि कोरोना के कारण गत दो वर्ष से फसल घाटे का सौदा साबित हो रही थी। इस बार वह घाटा पूरा हो जाएगा।

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चोरी के भय से कर रहे रखवाली

टमाटर के दाम बढ़ने से चोरी की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। ऐसे किसानों की संख्या कम नही ंहै जिन्होंने चोरी के भय से खेतों में ही डेरा डाल लिया है। दिनरात फसल की रखवाली कर रहे हैं। रादौर क्षेत्र के किसान सुरेंद्र व श्याम सिंह ने बताया कि उनके खेत से अब से पहले दो बार टमाटर चोरी हो चुके हैं। उन्होंने इस बार आसपास के सब्जी विक्रेताओं से भी पूछताछ की है, लेकिन चोरी करने वालों का सुराग नहीं लग पाया। गत दिनों गोभी की फसल में भी चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

करीब तीन हजार हेक्टेयर में फसल

जिले में करीब तीन हजार हेक्टेयर में टमाटर की फसल है। खंड रादौर के कई गांवों में फसल के प्रति किसानों का रुझान काफी देखा रहा है। अगेती फसल से उत्पादन बेहतर बताया जा रहा है जबकि पछेती फसल में फल-फूल कम है। इसका कारण गत दिनों अचानक तापमान बढ़ना बताया जा रहा है।

उत्पादक किसानों के मुताबिक बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष दामों में उछाल जरूर है, लेकिन उत्पादन बहुत कम है। जबकि गत वर्ष पैदावार अव्वल थी, लेकिन रेट कम थे। फसल पर आया खर्च भी पूरा नहीं हो पाया था। जिन खेतों में उत्पादन अच्छा है, उनसे अच्छी आमदन की उम्मीद है।

दिल्ली व देहरादून में सप्लाई

क्षेत्र से टमाटर दिल्ली व देहरादून की मंडियों में सप्लाई हो रहा है। मंडियों में किसानों को फसल बिकने की चिंता नहीं है। बल्कि हाथोंहाथ खरीदार मिल रहे हैं। दिनभर तुड़ाई के बाद शाम को गाड़ियां लोड होकर दिल्ली व देहरादून की मंडी की ओर रवाना हो जाती हैं। किसानों का कहना है कि लोकल मंडियों में खपत कम है। जिसके कारण बाहरी मंडियों में रुख करना उनकी मजबूरी है। कई गांवों में तो खरीदार खेतों में ही फसल को खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं।

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सलाद से गायब

टमाटर इन दिनों रसोई व सलाद की प्लेट में कम ही दिखाई दे रहा है। सस्ता होने के कारण इन दिनों सलाद की प्लेट टमाटर अधिक दिखाई देता था। इस बार ऐसा नहीं है। सलाद की प्लेट खीरा व प्याज ही दिखाई दे रहे हैं। टमाटर गायब है। क्योंकि बाजार में 30-40 रुपये प्रति किलो टमाटर बिक रहा है।