Success Story: हार से नहीं हारा, 17 बार के असफल प्रयासों के बाद बनी 40 हजार करोड़ की कंपनी
Haryana Update, Success Story News: सफलता उसी को मिलती है, जो संघर्ष से पीछे नहीं हटते। इसका उदाहरण अंकुश सचदेवा की सक्सेस स्टोरी में स्पष्ट है। अंकुश ने आईआईटी (IIT) से ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी शुरू की और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख कंपनी में इंटर्न करियर भी शुरू किया। लेकिन, नौकरी में उनका मन नहीं लगा और वह अपना बिजनेस शुरू करने की दिशा में बढ़े। उन्होंने 17 विभिन्न आइडियाज पर काम किया, लेकिन सभी असफल रहे। अंकुश ने 17 स्टार्टअप्स में प्रयास किए, जिनमें से सभी फेल हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आखिरकार, उन्होंने अपने दो साथीयों के साथ मिलकर 18वें प्रयास में एक उद्यमिता का कारनामा किया और एक करोड़ों की कंपनी की स्थापना की। उनका व्यापार आज दुनियाभर में फैला हुआ है और करोड़ों उपयोगकर्ताओं की संख्या में है।
कैसे किया कारनामा
अंकुश सचदेवा ने 18वें प्रयास में अपने आईआईटी के दो साथीयों का सहयोग लिया, जिनके साथ उन्होंने शेयरचैट ऐप बनाया। इस तीनों ने फेसबुक और वॉट्सएप पर विभिन्न भाषाओं में यूजर्स की तलाश की जो कुछ नया यूज करना चाहते थे। जनवरी, 2015 में शेयरचैट की मातृकंपनी, मोहल्ला टेक प्राइवेट लिमिटेड (Mohalla Tech Pvt Ltd) की स्थापना की गई, और अक्टूबर, 2015 में शेयरचैट लॉन्च किया गया। शुरुआत में इसे हिंदी, मराठी, मलयालम, और तेलुगु भाषा में लॉन्च किया गया।
5 अरब डॉलर का मार्केट ऐप
शेयरचैट का मुख्यालय बैंगलोर में है, लेकिन यह कंपनी अमेरिका, यूरोप, और दुनियाभर में अपना व्यापार बढ़ा चुकी है। आज इस एप्लिकेशन के करोड़ों उपयोगकर्ताएं हैं, और कंपनी ने लगभग 1,000 लोगों को सीधे रूप से नौकरियां प्रदान की हैं। जून, 2022 में शेयरचैट ने वित्त प्राप्त किया था, जिसके कारण कंपनी की मूल्यांकन 5 अरब डॉलर (40,000 करोड़ रुपये) से अधिक हो गई थी।
आईआईटी कानपुर से की पढ़ाई
अंकुश सचदेवा ने आईआईटी कानपुर से अपनी पढ़ाई पूरी की है। इससे पहले, उन्होंने समरविले स्कूल से अपनी 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की थी। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में इंटर्नशिप भी की थी, जो मई से जुलाई, 2014 तक चली। वर्तमान में, अंकुश शेयरचैट में सीईओ के रूप में कार्यरत हैं, और कंपनी की मूल्यांकन अब 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।