UP Breaking : गर्मी ने लोगो की करवाई बस, IMD ने नया अपडेट किया जारी 

हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही तेलंगाना की तरह एक "कूल प्रूफ नीति" लागू करेगी। मिली जानकारी के अनुसार, आपको बताया जाएगा कि आवास विभाग ने इस दिशा में पहल की है। इस अपडेट के बारे में अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें।
 

योगी सरकार ने तेलंगाना की तरह एक "कूल प्रूफ नीति" लागू करने की योजना बनाई है। आवास विभाग ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू की है। लोगों को गर्मी से बचाना और जलवायु परिवर्तन से निपटना इसका लक्ष्य है। नीति में नए सिरे से व्यवसायिक और आवासीय भवन बनाने के मानक निर्धारित किए जाएंगे। छत की ऊंचाई और इसे बनाने में प्रयोग की गई सामग्री का मानक निर्धारित होगा, जिससे घर के अंदर ठंडा रहता है।

‘नेचुरल रिसोर्स डिफेंस काउंसिल’ ने इसे अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण के समक्ष प्रस्तुत किया है। इस तकनीक के फायदे और इसे एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड में शामिल करने का तरीका बताया गया है। अपर मुख्य सचिव ने कमेटी बनाने का निर्देश दिया है जो आवास विकास परिषद, प्रमुख विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों, एनआरडीसी और नेडा के प्रतिनिधियों को शामिल करे। इसकी देखरेख में नीति बनाई जाएगी।

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इसमें छतों को ऐसे बनाया जाता है कि जब सूर्य की किरणें इन पर पड़ें तो वे रेफ्लेक्ट हो जाएंगे। इस तरह, घर का तापमान कम होता है क्योंकि गर्मी का प्रभाव कम होता है। भवनों और इमारतों की छतों को परीक्षण करने के लिए विशेषज्ञ आएंगे। वह बताएंगे कि छतों को ठंडा कैसे रखा जा सकता है। छत बनाने में प्लास्टिक या विनायल शीट का उपयोग अधिक होगा। ये शीट सूरज की किरणों को परावर्तित कर गर्मी का प्रभाव कम करती हैं। इसके अलावा, छतों पर हल्के रंग का पेंट भी लगाया जाता है, ताकि सूर्य की रोशनी का प्रभाव कम हो जाए।


नक्शा पास करते वक्त ही इसके लिए प्रमाण पत्र लिया जाएगा। 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों पर इसे बनाया जा सकता है - विकास प्राधिकरणों का निर्माण करने से घर मालिकों को छुटकारा मिलेगा— पहले बड़े शहरों में लागू करके इसकी जांच की जाएगी— ऐसे भवन स्वामियों को भी विकास प्राधिकरण से प्रमाण पत्र मिलेगा।