Railway: TC ने वसूला 3 करोड़ का जुर्माना, 1 साल में 27 हजार यात्रियों की पकड़

अगर आप जाने-अनजाने में ट्रेन से बिना टिकट यात्रा करते हैं तो आपको यह भूल भारी पड़ सकती है, क्योंकि रेलवे लगातार विद आउट टिकट यात्रियों पर सख्ती दिखाता आया है.

 

अगर आप जाने-अनजाने में ट्रेन से बिना टिकट यात्रा करते हैं तो आपको यह भूल भारी पड़ सकती है, क्योंकि रेलवे लगातार विद आउट टिकट यात्रियों पर सख्ती दिखाता आया है.

इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में देश के महज 3 टिकट चेकिंग स्टाफ ने 1-1 करोड़ का जुर्माना वसूल किया है. यह सिर्फ चेन्नई रेलवे डिवीजन के तीन टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा 1 अप्रैल 2022 से 16 मार्च 2023 के बीच अनाधिकृत यात्रियों से वसूली गई राशि है.

रेलवे की प्रेस रिलीज के अनुसार, उप मुख्य टिकट निरीक्षक एस नंद कुमार ने बिना उचित टिकट और बिना बुक किए सामान के यात्रा करने के 27,787 मामलों में जुर्माना लगाकर 1.55 करोड़ रुपये एकत्र किए. यह किसी टिकट चेकिंग स्टाफ की अब तक की सबसे अधिक कमाई में से एक है.

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महिला टीसी ने वसूला सबसे ज्यादा जुर्माना

मुख्य टिकट निरीक्षक रोसलाइन अरोकिया मैरी ने भी पेनल्टी में 1.03 करोड़ रुपये एकत्र करके एक मील का पत्थर हासिल किया, जिससे वह भारतीय रेलवे में सबसे अधिक कमाई करने वाली महिला टिकट-चेकिंग कर्मचारी बन गईं.

इसके अलावा, वरिष्ठ टिकट परीक्षक शक्तिवेल ने जुर्माने के तौर पर 1.10 करोड़ रुपये एकत्र किए. रेलवे ने एक बयान में कर्मचारियों की सराहना की और यात्रियों से उचित टिकट के साथ यात्रा करने की अपील की.

रेल में बिना टिकट यात्रा करना कानूनन अपराध

बता दें कि रेलवे एक्ट के अनुसार, ट्रेन में बिना टिकट या उचित टिकट के बिना यात्रा करना गैरकानूनी है, साथ ही सफर के दौरान सामान ले जाने से जुड़े नियम भी बनाए गए हैं. अगर कोई यात्री इन नियमों को तोड़ा है तो उसे जुर्माना या जेल या फिर दोनों हो सकती है.

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रेलवे एक्ट के सेक्शन 138 के अनुसार, ट्रेन में बिना पर्याप्त टिकट या पास के बगैर यात्रा करने पर जुर्माना लगता है. इसके तहत यात्री ने जितनी दूरी तय की है या जिस स्टेशन से ट्रेन चली है, उसके लिए सामान्य सिंगल किराया और अतिरिक्त शुल्क यानी ₹250/- या किराए के बराबर, जो भी अधिक हो, जुर्माने के तौर पर देय होता है.

वहीं, रेलवे एक्ट के सेक्शन 137 के तहत गलत तरीके से सफर करने पर 6 महीने की जेल, 1000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है. इसके अलावा, बेवजह अलार्म खींचने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने पर भी रेलवे एक्ट की अलग-अलग धाराओं में सजा व जुर्माने का प्रावधान है.