अब किसी भी अस्पताल से मरीज को रैफर करने से पहले Doctor को बताना होगा कारण

Haryana Update: अक्सर देखा जाता है कि सभी अस्पतालों में मरीज को रेफर करने से पहले कारण न के बराबर बताया जाता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि बिना किसी कारण के केवल आलस्य के कारण मरीज का इलाज न कर उसे रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में अब अस्पतालों की मन मर्जी पर लगाम लगाने के लिए नया प्रावधान किया गया है।

 

Haryana Update News: अब डाक्टर द्वारा मरीज को रेफर करने पर कारण बताना होगा अर्थात कोई भी अपने कर्तव्य में आलस्य नहीं अपना पाएगा। यही नहीं डाक्टरों, नर्सों व पैरा मैडीकल स्टाफ को अपडेट व अपग्रेड करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके लिए एक प्रशिक्षण दस्तावेज तैयार किया जाएगा।

 

Haryana Latest News: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के साथ-साथ मेडिकल कालेजों में कार्यरत सभी डाक्टरों, नर्सों व पैरामैडिकल स्टाफ के लिए भी अनिवार्य होगा।


Haryana News in Hindi: यह जानकारी गुरुवार को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी।

Health Minister Anil Vij Meeting: इस दौरान विज ने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मियों जैसे कि डाक्टर, नर्स, सेवादार आदि को वर्दी पहनाना अनिवार्य होगा ताकि मरीजों को अस्पताल से संबंधित कर्मियों की जानकारी रहे।

विज ने अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए हैं कि इस वर्दी हेतू एक बेहतरीन डिजाइन तैयार करवाया जाए।

सरकारी डाक्टरों द्वारा प्रत्येक मरीज को दिए जा रहे प्रैसक्रिपशन का डाटा इंटीग्रेट होना चाहिए और मरीज का कार्ड बनें तथा नियमित मरीज की जांच हो और इस संबंध में एक पुख्ता सिस्टम तैयार किया जाए।

इससे मरीज का डाटा रखने की सुविधा रहेगी और उसका रिकार्ड तुरंत एक क्लिक पर उपलब्ध होगा तो वहीं अस्पताल व मैडीकल कालेज को अपने स्टॅाक को अपडेट करने में भी मदद मिलेगी।
 

उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में हरियाणा में इंटीग्रेटिड हैल्थ लैबारेटरी होगी।

विज ने निर्देश दिए कि हैल्थ लैबोरेटरी में लेटेस्ट उपकरणों को लगाया जाए और इन लैबोरेटरीज को NABH से पंजीकृत भी कराया जाना  चाहिए।

 

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अस्पतालों में किचन व मरीजों की डाइट के लिए योजना तैयार करनी होगी और इसके लिए सभी गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा अस्पतालों में दी जा रही किचन सेवा हेतु डाइटिशन को नियुक्त करना होगा।

 

राज्य के अस्पतालों में भी डाइटीशियन चार्ट के अनुसार मरीजों को खाना दिया जाएगा। 162 हेल्थ सेंटरों को नवीनतम तरीके से बनाया जाएगा।

विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग के भवनों के रेनोवेशन, मरम्मत व निर्माण इत्यादि के लिए स्वास्थ्य विभाग व मैडीकल एजूकेशन विभाग इंजीनियरिंग ब्रांच का गठन करें।

अस्पताल आर्किटेक्ट को भी नियुक्त किया जाए ताकि अस्पतालों की जरूरत के अनुसार निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढाया जा सकें और कोई कमी न रहें।
 

17 जिलों में CT Scan की मशीन संचालित है. MRI की 5 जिलों में संचालित हैं इस पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एमआरआई की मशीनें अन्य जिलों में जल्द से जल्द लगाई जाए। ऐसे ही, अल्ट्रासांउड 22 जिलों में संचालित हैं और पीपीपी मोड पर 111 अल्ट्रासांउड मशीनें संचालित की जाएगी।

 

बैठक में मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएचसी स्तर पर ईसीजी की सर्विस एक जैसी देने पर एक प्रस्ताव तैयार किया जाए। पीएसए प्लांट पूरी तरह से संचालित और सुरक्षित होंगे.
 

New Hospital in Haryana : प्रत्येक 50 बिस्तर से अधिक वाले अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में पीएसए से संबंधित कर्मियों की नियुक्ति हो और वहां पर एक डेडेकेटिड होटलाइन भी होनी चाहिए तथा बैक-अप भी होना चाहिए।

 

इसके अलावा, प्रत्येक प्लांट में डयूटी देने वाले कर्मियों की सूची नंबर सहित चस्पा होनी चाहिए। विज ने कहा कि इन प्लांटों में सिलेंडर भरने की सुविधा भी होनी चाहिए।

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मेडिकल कालेजों में 14000 लीटर क्षमता के पीएसए प्लांट स्थापित किए गए हैं। डिप्रैशन वाले मरीजों की सुविधा के लिए मनोवैज्ञानिक काउंसलर की नियुक्ति होनी चाहिए और इसके लिए पीजीआई चंडीगढ़ के साथ हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग का समझौता हुआ है जिसके तहत पीजीआई के डाक्टर अपनी सेवाएं हरियाणा के मरीजों को देगें। 100 बिस्तर से ऊपर वाले सभी अस्पतालों में नशा-मुक्ति (डी-एडीक्शन) केन्द्र होने चाहिए।

तीन मेडिकल कालेजों में यह सैपरेटर लगा दिए गए हैं तथा 12 जिलों के जिला नागरिक अस्पतालों में यह सैपरेटर लगा दिए गए हैं।