77 साल बाद बन रहा है वरीयान योग, मकर संक्रांति होगी काफी खास, जाने पूरी जानकारी...
 

इस बार मकर संक्रांति को रवि योग के साथ वरीयान योग बन रहा है, जिससे इस पर्व का महत्व बढ़ जाएगा। यह वरीयान योग 77 साल के बाद बन रहा है, जिससे इस महत्वपूर्ण दिन को और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाए जाएगा।
 
 

Haryana Update:  नए साल की शुरुआत के साथ लोग मकर संक्रांति का इंतजार कर रहे हैं। इस मौके पर हमने प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित दत्तात्रेय होस्केरे से बात की जिन्होंने इस साल मकर संक्रांति पर बन रहे दुर्लभ योग के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) मनाई जाएगी। इस साल मकर संक्रांति पर रवि योग के साथ वरीयान योग बन रहा है, जिससे मकर संक्रांति बहुत खास होगी। यह खास वरीयान योग 77 साल बाद होने जा रहा है। इन दोनों योग के बनने के कारण इस महापर्व का महत्व अधिक बढ़ जाएगा। साथ ही 5 साल के बाद मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को पड़ेगा, जिस कारण भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय भी किए जाएंगे।

इस महापर्व के दिन व्यक्ति किसी भी प्रकार के धार्मिक यात्रा, दान-धर्म, विवाह आदि कार्यों को भी कर सकता है, लेकिन मांगलिक कार्य जैसे मुंडन और किसी भी नए कार्य की शुरुआत को लेकर व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए क्योंकि वरीयान योग के कारण इस समय विशेषता बनी रहती है।

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पंडित ने बताया कि पूरे मकर संक्रांति के समय में वरीयान योग ही रहेगा, जो 14 जनवरी मध्यरात्रि में 2:40 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 15 जनवरी की रात 11:10 बजे तक रहेगा। वरीयान योग उस समय प्रभावशाली होता है, जब शुक्र ग्रह उच्च राशि में हो। वरीयान योग को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अगर कुबेर के मंत्र और शुक्र के मंत्रों की माला जपी जाए तो बहुत अच्छा लाभ देखने को मिलता है। पंडित दत्तात्रेय होस्केरे ने इस योग के प्रभाव को बढ़ाने के लिए कुबेर और शुक्र ग्रह के मंत्रों की माला जपने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि इससे जातक को शुभ फल प्राप्त हो सकता है और उसका जीवन सुखमय बन सकता है। इस दिन के अवसर पर, व्यक्तियों को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उत्साही रहना चाहिए और सभी धार्मिक और धार्मिक कार्यों में भाग लेना चाहिए।

क्या करें और क्या ना करें
वरीयान योग के समय में विभिन्न कार्यों को करना संभव है, जैसे शादी और सगाई इत्यादि, लेकिन इसका पौष माह में पड़ने के कारण मांगलिक कार्यों में मनाही की जा सकती है। हालांकि, मकर संक्रांति के दिन वरीयान योग के अनुसार जमीन खरीदना, नए घर में प्रवेश करना, मुंडन, नई गाड़ी खरीदना, या मकान बनवाना जैसे कार्य किए जा सकते हैं। गोचर की दृष्टि से देखें तो शुक्र इस समय कालपुरुष के हिसाब से अष्टम भाव में और वृश्चिक राशि में चल रहा है, इसलिए इस बार वरीयान योग का प्रभाव अधिक नहीं होगा।

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