Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति कब होगी? 14 जनवरी को या 15 जनवरी को ? आइये जानते है सबकुछ
 

Makar Sankranti 2024:डा. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 07:15 मिनट से सुबह 09:00 बजे तक है। इस समय में आपको मकर संक्रांति का स्नान और दान करना चाहिए।
 
 

Haryana Update: हर साल के पहले महीने में यानि जनवरी को मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस साल, लीप वर्ष के संयोग में, सूर्य 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश कर रहा है, इसलिए मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है। इसलिए सूर्यास्त के बाद राशि परिवर्तन करने से, इस साल मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा। इस वर्ष, मकर संक्रांति अश्व पर बैठकर आएगी, यानी उनका वाहन अश्व और उपवाहन सिंह होगा।

डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य 14 जनवरी की रात्रि 2:42 बजे मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। उदय काल को महत्व दिए जाने से, 15 जनवरी को सूर्य के उदय होने पर मकर संक्रांति मनाना शुभ होगा। पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, शतभिषा नक्षत्र के कारण सुबह से ही पुण्यकाल प्रारंभ हो जाएगा। डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल मकर संक्रांति पौष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 15 जनवरी को रवि योग, शतभिषा नक्षत्र में मनाई जाएगी। इस दिन वारियांन योग पूरे दिन रहेगा, और रवि योग सुबह 7:15 से 8:07 बजे तक रहेगा।

कब रहेगा शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 07:15 मिनट से सुबह 09:00 बजे तक है। इस समय में मकर संक्रांति का स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन महा पुण्य काल 1 घंटा 45 मिनट तक रहेगा। हालांकि पुण्य काल में भी मकर संक्रांति का स्नान और दान करना शुभ होगा।

मकर संक्रांति का वाहन अश्व, उपवाहन क्या?
डा. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति के इस बार वाहन अश्व और उपवाहन शेर हैं। इन दोनों के वाहन तेज दौड़ते हैं और गति के प्रतीक हैं। संक्रांति के प्रभाव से गेहूं, अनाज, दूध, और इससे बने पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि होगी। वहीं, भारत देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पराक्रम बढ़ेगा और अन्य देशों के साथ संबंध मजबूत होंगे। भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति पर सूर्य, धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके तिल, गुड़, और वस्त्र का दान करने से पुण्य में वृद्धि होती है।

किस के लिए मकर संक्रांति शुभ?
देश के लिए मकर संक्रांति शुभ. डा. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा, नदियों में स्नान, देव दर्शन और दान से विशेष पुण्य फल मिलेगा। इस संक्रांति का वाहन अश्व और उपवाहन सिंह होने से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का पराक्रम बढ़ेगा। दूसरे देशों से संबंध मजबूत होंगे। विद्वान और शिक्षित लोगों के लिए ये संक्रांति शुभ रहेगी। लेकिन अन्य कुछ लोगों में डर बढ़ सकता है। अनाज की पैदावार बढ़ेगी और महंगाई पर नियंत्रण रहेगा। चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी।

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