हरियाणा के मुख्यमंत्री का यूथ पर फोकस, प्राइवेट सेक्टरों में नौकरी देने का प्लान

इस दौरान वह हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (Haryana Skill Employment Corporation Limited) पोर्टल पर तैयार स्किल्ड यूथ का डेटा बेस शेयर करेंगे
 

Haryana CM Manohar Lal : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब सूबे के प्राइवेट सेक्टरों पर फोकस कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार CM मनोहर जल्द ही  लोकल यूथ को रोजगार देने के लिए 2 दिन में 100 बड़े औद्योगिक घरानों के साथ संवाद करने वाले हैं। इससे औद्योगिक घरानों के मालिक अपनी जरूरत के हिसाब से स्किल्ड यूथ का यूज कर सकें।

जानिए क्या है इस फोकस की बड़ी वजह 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के फोकस करने की एक बड़ी वजह स्थानीय युवाओं के एम्प्लॉयमेंट भी है।

एक वादा जो 2019 में चुनाव के दौरान BJP द्वारा किया गया था कि वह स्थानीय युवाओं को सूबे के प्राइवेट सेक्टर में रोजगार दिवाएगे। 

इसलिए सूबे के बड़े औद्योगिक घरानों के साथ सीएम संवाद करने जा रहे हैं। उद्योग विभाग को इसके लिए सरकार की ओर से विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।

मीटिंग में होगी इस मुद्दे पर चर्चा

औद्योगिक घरानों के साथ सीएम की होने वाली चर्चा में यह पता लगाया जाएगा कि कैसे निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार सृजन किया जाए।

इस अहम मीटिंग में दोनों ओर से उद्योग कार्यबल और उनके लिए जरूरी स्किल्ड यूथ की अपनी मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को रखा जाएगा। सरकार यह दावा कर रही है कि 2021 में निगम के जरिए 1 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है।

सरकार ने अब तक उठाये यह कदम 

हरियाणा विधानसभा ने राज्य में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने वाला बिल पास कर चुकी है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। 

हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल केंडिडेट बिल 2020 के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में 50 हजार रुपए से कम वाली नौकरियों में ही यह आरक्षण लागू होगा।

जिले के केवल 10% युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा

प्रारंभिक तौर पर यह आरक्षण 10 साल के लिए लागू किया गया है। बिल के मुताबिक, प्राइवेट कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्मों पर यह आरक्षण लागू है।

यदि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित उम्मीदवार नहीं मिलेंगे तो स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर नौकरी के योग्य बनाया जाएगा। 

जिस जिले में कंपनी स्थापित है, उस जिले के केवल 10% युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा। अन्य 65% आरक्षण प्रदेश के दूसरे जिलों के युवाओं को दिया जाएगा।