Income Tax ने जारी किए आदेश! खेती की जमीन पर इतना लगेगा Tax
Income Tax Rules 2025 : आमतौर पर जब भी कोई व्यक्ति जमीन खरीदता-बेचता है तो उससे प्राप्त आय पर उसे टैक्स देना पड़ता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कृषि भूमि पर आपको कितना टैक्स देना पड़ता है (क्या खेती की जमीन पर टैक्स लगता है)। आइए विस्तार से जानते हैं कृषि भूमि को लेकर आयकर के नियम।
Income Tax Rules 2025 (Haryana Update) : कर व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकार और आयकर विभाग की ओर से कई तरह के नियम बनाए गए हैं। हाल ही में आयकर विभाग ने कृषि भूमि पर लगने वाले टैक्स को लेकर अपडेट दिया है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि जब वे खेती की जमीन (कृषि भूमि बेचने के नियम) बेचते हैं तो उन्हें उससे प्राप्त लाभ राशि पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। आपको बता दें कि आयकर के नियमों के तहत कृषि भूमि पर टैक्स देने या न देने को लेकर एक खास व्यवस्था की गई है।
इतने प्रकार की होती हैं कृषि भूमि-
सबसे पहले आपको इस बारे में जानना चाहिए कि खेती की जमीन कितने प्रकार की होती है। जानकारी के लिए बता दें कि कृषि भूमि दो प्रकार की होती है। कृषि भूमि को हम कृषि भूमि भी कहते हैं। इस श्रेणी में ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि (खेती की जमीन पर कितना टैक्स) शामिल है। इसके अलावा अगर दूसरी जमीन की बात करें तो वह शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि है। यह भूमि ऐसे क्षेत्रों में है जो शहरों में आते हैं, वहां भी खेत हैं और लोग खेती करते हैं। शहरों में कृषि भूमि को आयकर (आयकर नियम) की नजर में कृषि भूमि नहीं माना जाता है।
आयकर कानून के अनुसार ये हैं नियम -
आयकर नियमों के अनुसार अगर भूमि को कृषि भूमि माना जाता है तो उस भूमि पर लगने वाले टैक्स के बारे में आयकर अधिनियम की धारा 2 (14) में सब कुछ स्पष्ट किया गया है। इसके अलावा अगर कृषि भूमि नगर पालिका, अधिसूचित क्षेत्र समिति, टाउन एरिया समिति या छावनी बोर्ड के अंतर्गत आती है और उस क्षेत्र की आबादी 10,000 या उससे अधिक है तो आयकर विभाग की नजर में यह भूमि कृषि भूमि नहीं है (कृषि भूमि के लिए कर नियम)। इसके अलावा अगर नगर पालिका या छावनी बोर्ड की आबादी 10 हजार या उससे ज्यादा है तो ऐसे क्षेत्र के 2 किलोमीटर के दायरे में मौजूद जमीन को कृषि भूमि नहीं माना जाएगा।
ये जमीन कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी-
इन दो नियमों के अलावा अगर नगर पालिका या छावनी बोर्ड में 10 लाख से ज्यादा की आबादी है तो 8 किलोमीटर तक के क्षेत्र में स्थित जमीन को कृषि भूमि नहीं माना जाएगा (Agricultural Land kese check kare)। इसी तरह अगर नगर पालिका या छावनी बोर्ड की आबादी 1 लाख या उससे ज्यादा है तो उस क्षेत्र के आसपास के 6 किलोमीटर के दायरे में मौजूद जमीन को कृषि भूमि में शामिल नहीं किया जाता। इस वजह से आपको इस तरह की जमीन पर टैक्स देना होगा।
ये जमीन पर टैक्स नहीं देना होगा-
अगर कोई जमीन ऊपर बताए गए दायरे के मुताबिक कृषि भूमि में शामिल है तो उसे आयकर कानून की नजर में खेती योग्य जमीन माना जाता है और ये जमीन पूंजीगत संपत्ति नहीं होती। इस स्थिति में उस जमीन की बिक्री से होने वाली आय पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगाया जा सकता। वहीं अगर आपकी कृषि भूमि ऊपर बताए गए दायरे से बाहर है तो उसे कैपिटल एसेट माना जाएगा और इस जमीन पर आपको टैक्स भी देना होगा।
इनकम टैक्स इस हिसाब से तय होता है-
अगर शहरी कृषि भूमि खरीदकर 24 महीने तक रखी जाए और फिर बेच दी जाए तो उससे होने वाले मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाता है। इस पर आपको इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी तक टैक्स देना होता है। 24 महीने के अंदर बेचने पर मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। कैपिटल गेन की रकम आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से तय होती है।