logo

Edible oil को छोड़कर सभी खाद्य तेल हुए सस्ते, मंडी का ताजा रेट देखकर हो जाएंगे लोग खुश

 

विदेशी बाजारों के मंदा रहने के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को मूंगफली तेल तिलहन को छोड़कर बाकी लगभग सभी खाद्य तेल तिलहनों के दाम में गिरावट रही

 
edible oil

Edible Oil: मूंगफली को छोड़ सभी खाद्य तेल हुए सस्ते, मंडी का ताजा रेट जानकर हो जाएंगे खुश

विदेशी बाजारों के मंदा रहने के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को मूंगफली तेल तिलहन को छोड़कर बाकी लगभग सभी खाद्य तेल तिलहनों के दाम में गिरावट रही. सस्ते आयातित खाद्य तेलों के कारण सरसों, सोयाबीन और बिनौला जैसे देशी तेल तिलहनों के बाजार में नहीं खपने से इन तेलों के भाव गिरावट के साथ बंद हुए. 

बाजार सूत्रों ने कहा कि देश में शुल्क मुक्त कोटा के तहत आयात की छूट 31 मार्च तक है जो लोडिंग करने का अंतिम दिन होगा. यानी ये तेल पूरे अप्रैल और मई तक आता रहेगा और दाम ऐसे ही कमजोर रहने की संभावना को देखते हुए देशी खाद्य तेल तिलहनों का खपना लगभग असंभव दिख र

 

सूरजमुखी दाना तो पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिक रहा है, अब यही हाल सरसों का भी है. देशी तेल तिलहनों का खपना, देश के किसानों, तेल मिलों और उपभोक्ताओं के हित में होगा.

सूरजमुखी दाना तो पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिक रहा है, अब यही हाल सरसों का भी है. देशी तेल तिलहनों का खपना, देश के किसानों, तेल मिलों, उपभोक्ताओं के हित में होगा और इसके खपने से देशी तेल मिलें चलेंगी जो बंद होने के कगार पर पहुंच गई हैं. सबसे बड़ी बात देशी तिलहनों के खपने से हमें पर्याप्त मात्रा में मुर्गीदाना के लिए डीआयल्ड केक (डीओसी) तथा मवेशियों के आहार के लिए खल प्राप्त होंगे जिनके महंगा होने के कारण दूध के दाम बढ़े हैं.

उनसे अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं

उपभोक्ताओं को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की वजह से वैश्विक खाद्यतेल कीमतों में आई गिरावट का लाभ मिलने के बजाय उनसे अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं. इन सभी दिक्कतों से निकलने का रास्ता आयातित खाद्यतेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने में छुपा है, वरना एक बार आयातित सस्ते खाद्यतेलों की वजह से किसानों का माल नहीं खपा तो उनका लंबे समय के लिए भरोसा टूटने का खतरा है और फिर तेल तिलहन मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने का उद्देश्य गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है.

तेल का एमआरपी 50-60 रुपये लीटर अधिक है

सूत्रों ने कहा कि यह देश हित में होगा कि तत्काल सस्ते आयातित खाद्यतेलों (सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे सॉफ्ट आयल) को नियंत्रित करने के लिए उनपर आयात शुल्क, अनुमतियोग्य अधिकतम सीमा तक बढ़ा दी जाये. उन्होंने कहा कि सरसों तेल प्रसंस्करण संघ (मोपा) के दो दिवसीय सेमिनार में सबके सामने इस चिंता को रखा गया कि सरसों तेल का एमआरपी 50-60 रुपये लीटर अधिक है और बड़ी कंपनियों के साथ ऐसी स्थिति कहीं ज्यादा है.

20 लाख टन सरसों की खरीद कर लेगा

संगठन के एक पदाधिकारी ने तो तिलहनों का वायदा कारोबार खोलने की वकालत की जो अनुचित है. सूत्रों ने कहा कि इसी वायदा कारोबार ने तो देश में तेल तिलहन मामले में हमें आत्मनिर्भर नहीं होने दिया और आज तक हम आयात पर निर्भर बने हुए हैं. सूत्रों ने कहा कि देश में सरसों तिलहन का पिछले साल का बचा स्टॉक लगभग छह लाख टन का है, जबकि पैदावार 113 लाख टन की है. इस प्रकार सरसों तिलहन का कुल स्टॉक 119 लाख टन का है. नाफेड द्वारा सरसों खरीद कराने का कोई फायदा नहीं होने वाला है. पिछले अनुभवों के हिसाब से नाफेड अधिक से अधिक 20 लाख टन सरसों की खरीद कर लेगा बाकी लगभग 100 लाख टन सरसों कौन खरीदेगा?

सूत्रों ने कहा कि तेल तिलहन बढ़ाने पर जोर देने के साथ ही साथ देशी तेल तिलहनों का बाजार बनाना भी जरूरी है. तेल तिलहन कारोबार में सारी नीतियां इसी मकसद को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिये.

सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे

  • सरसों तिलहन – 5,250-5,300 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल.
  • मूंगफली – 6,775-6,835 रुपये प्रति क्विंटल.
  • मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,600 रुपये प्रति क्विंटल.
  • मूंगफली रिफाइंड तेल 2,545-2,810 रुपये प्रति टिन.
  • सरसों तेल दादरी- 10,950 रुपये प्रति क्विंटल.
  • सरसों पक्की घानी- 1,745-1,775 रुपये प्रति टिन.
  • सरसों कच्ची घानी- 1,705-1,830 रुपये प्रति टिन.
  • तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल.
  • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल.
  • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,250 रुपये प्रति क्विंटल.
  • सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,680 रुपये प्रति क्विंटल.
  • सीपीओ एक्स-कांडला- 8,800 रुपये प्रति क्विंटल.
  • बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल.
  • पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल.
  • पामोलिन एक्स- कांडला- 9,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल.
  • सोयाबीन दाना – 5,210-5,360 रुपये प्रति क्विंटल.
  • सोयाबीन लूज- 4,970-4,990 रुपये प्रति क्विंटल.
  • मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल.


 
click here to join our whatsapp group