Saving Account खुलवाने वाले अब जान लें ये बात, आ गए है नए नियम, कही बाद में पछताना पड़े
जब बैंक अकाउंट की बात होती है, तो सेविंग्स और करंट अकाउंट भी शामिल होते हैं। लेकिन डिपॉजिट और ट्रांजेक्शन करने के लिए दोनों खाते अलग हैं।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
अब हर व्यक्ति को बैंक खाता होना अनिवार्य हो गया है। बैंक खाता हर किसी को चाहिए, चाहे वह सैलरी पाने वाला इंप्लॉई हो, किसान हो, घरेलू हो, विद्यार्थी हो या कारोबारी हो। जब बात बैंक अकाउंट की होती है, तो बचत खाता या बचत खाता और चालू खाता या करंट अकाउंट का भी उल्लेख होता है। लेकिन डिपॉजिट और ट्रांजेक्शन करने के लिए दोनों खाते अलग हैं। दोनों खातों में काफी फर्क है। डिटेल में जानें..।
कौन खोल सकता है?
सेविंग्स बैंक अकाउंट से सैलरी पाने वाले इंप्लॉई या मंथली आय वालों के लिए या फिर बचत के खाता खुलवाने के लिए है। नाबालिग व्यक्ति के नाम पर भी बचत खाता खुलवाया जा सकता है। लेकिन करंट अकाउंट कारोबार करने वालों के लिए है। स्टार्टअप, पार्टनरशिप फर्म, LLP, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी आदि भी इसे खुलवा सकते हैं।
सेविंग्स अकाउंट से सीमित भुगतान
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किसी भी बैंक में बचत खाता एक डिपॉजिट खाता है। खाताधारक को अपने सेविंग्स अकाउंट से सीमित पैसे निकालने की अनुमति है। वहीं, करंट बैंक अकाउंट हर दिन व्यापार करने के लिए है। साथ ही, कंरट अकाउंट पर ब्याज नहीं मिलता, लेकिन सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज मिलता है।
मिनिमम और मैक्सिमम बैलेंस के नियम क्या हैं?
सेविंग्स अकाउंट और करंट अकाउंट दोनों में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य है। लेकिन सेविंग्स अकाउंट की तुलना में करंट अकाउंट का न्यूनतम बैलेंस थोड़ा अधिक रहता है। वहीं, सेविंग्स अकाउंट में बैलेंस रखने की अधिकतम सीमा है, लेकिन करंट अकाउंट में नहीं।
टैक्स प्रावधान
टैक्स की बात करें तो ग्राहक का ब्याज आय टैक्स (Income Tax) के दायरे में आता है और जमा पर ब्याज सेविंग्स अकाउंट में मिलता है। दस हजार रुपये से अधिक की सालाना ब्याज आय पर ब्याज नहीं मिलता है। सीनियर सिटीजन की सीमा 50000 रुपये है। लेकिन करंट अकाउंट पर ब्याज नहीं मिलता, इसलिए आपको टैक्स नहीं देना होगा।