logo

Women’s T20 WC: दुनिया घूमने के शौक ने बनाया क्रिकेटर, अब घर में करेगी ये काम

Women's T20 World Cup: साउथ अफ्रीका की कप्तान सुने लुस लड़कों की टीम की ओपनर भी रह चुकी हैं. एक समय करियर को लेकर उनके सामने 2 रास्ते थे. उन्होंने क्रिकेट के लिए बड़ा मौका छोड़ दिया
 
Women’s T20 WC: दुनिया घूमने के शौक ने बनाया क्रिकेटर, अब घर में करेगी ये काम 

Women's T20 WC: दुनिया घूमने के शौक ने बनाया क्रिकेटर, अब घर में ही चैंपियन बनेगी 'पापा की परी'सुने लुस वर्ल्‍ड कप फाइनल खेलने वाली साउथ अफ्रीका की पहली कप्‍तान बन गई हैं

 जिंदगी में एक समय ऐसा आता है, जब सामने 2 रास्ते होते हैं. चुनना एक को पड़ता है. आगे क्या होगा, इसे लेकर डर भी लगा रहता है. कभी शौक को छोड़ना पड़ता है तो जुनून को, मगर ऐसे भी लोग होते हैं, जिनके लिए शौक बड़ी चीज होती है और वो शौक चुनते हैं.

साउथ अफ्रीका की कप्तान सुने लुस भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, जिनके लिए शौक बड़ी चीज है और उन्होंने सालों पहले उसे ही चुना. जिसका नतीजा आज उन्होंने इतिहास रच दिया.


सुने लुस साउथ अफ्रीका की पहली कप्तान बन गई है, जिनकी अगुआई में पहली बार टीम किसी भी वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची. रविवार को अब साउथ अफ्रीका का टी20 वर्ल्ड कप का खिताबी मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा.

इस ऐतिहासिक खिताबी मुकाबले से पहले सुने लुस की उस शौक पर बात, जिसने उन्हें क्रिकेटर बना दिया और साउथ अफ्रीका की महिला टीम को एक लाजवाब कप्तान मिली, जिसने इतिहास ही बदल दिया.

पिता के कारण क्रिकेट में दिलचस्पी
5 जनवरी 1996 को जन्मीं सुने लुस को छोटी उम्र में ही उनके पिता ने क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया था. वो अपने पिता को मिनी क्रिकेट कोच बताती थी. उन्होंने कहा था कि वो अभी भी पिता की लाडली हैं.

4 साल की उम्र में सुने अपने पिता और बड़े भाई के साथ मिनी क्रिकेट खेलने लगी थी. 7 साल की उम्र में वो अपने स्कूल की बॉयज टीम में शामिल हुई. सुने बॉयज टीम की ओपनर थीं.

12 साल की उम्र में उनका चयन प्रांतीय अंडर 19 टीम और फिर सीनियर प्रांतीय टीम में हुआ. 13 साल की उम्र में ही वो साउथ अफ्रीका की अंडर 19 टीम का हिस्सा बन गई.

छोड़ दिया बड़ा मौका
सुने क्रिकेट में धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी, मगर तभी टेनिस में उन्हें बड़ा मौका मिला. वो टेनिस भी खेलती थी. अब उनके सामने 2 रास्ते थे. क्रिकेट में विदेश दौरा या फिर सन सिटी टेनिस टूर, जो उनके घर में ही खेला जाना था. सुने ने टेनिस में मिले बड़े मौके को इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि क्रिकेट में उन्हें बाहर जाने का मौका मिल रहा था. उन्होंने उस समय बड़ा फैसला लिया और फिर 2012 में उनका क्रिकेट का असली सफर शुरू हुआ. 16 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका के लिए डेब्यू किया और तब से वो लगातार कमाल कर रही है. उन्होंने तो दुनिया देखने के शौक के चलते टेनिस छोड़ क्रिकेट को चुना था, मगर अब वो अपने घर में ही दुनिया जीतने की तैयारी कर रही है.

click here to join our whatsapp group