OPS Scheme 2025 : कई सालो बाद लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, मिलेंगे ये फ़ायदे
Haryana Update : 1 अप्रैल 2004 से, केंद्रीय Sarkar ने पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म कर दिया था, और कई राज्यों ने केंद्रीय Sarkar की तरह नई पेंशन प्रणाली लागू की, हालांकि कर्मचारी संघों ने नई पेंशन का विरोध किया है।
UP OPS Scheme : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने PM नरेंद्र मोदी को Email आईडी पर एक ज्ञापन भेजेते हुए पुरानी पेंशन के विकल्पों को खोलने की मांग की है। 12 मार्च 2022, 8 अप्रैल 2023, 24 अप्रैल 2023 और 11 जुलाई 2023 को उन्होंने PM से पत्र लिखकर कर्मचारियों को नई पेंशन व्यवस्था से पुरानी पेंशन व्यवस्था में जाने का विकल्प देने की मांग की।
UP OPS Scheme - 1 अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन खत्म: जेएन तिवारी ने बताया कि केंद्र Sarkar ने अपने कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन खत्म कर दी। विभिन्न राज्यों ने भी केंद्र Sarkar की तरह पुरानी पेंशन को समाप्त करके नई पेंशन प्रणाली लागू की।
कर्मचारी संगठन नई पेंशन का विरोध करते रहे हैं। कुछ राज्यों ने कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए पुरानी पेंशन को फिर से लिया है, लेकिन तकनीकी समस्याएं बनी हुई हैं। जिन राज्यों ने पुरानी पेंशन अपनाई है, उन राज्यों के कर्मचारियों का एनपीएस के अंतर्गत दिया गया अंशदान अभी भी नहीं कट गया है।
2009 तक केंद्र Sarkar ने कुछ शर्तों पर कर्मचारियों को विकल्प दिया था, लेकिन यह सभी कर्मचारियों के लिए खुला होना चाहिए। देश और राज्यों के कर्मचारियों को नई या OPS Scheme में से किसी एक में से किसी एक में शामिल होने का अवसर मिलना चाहिए, जिस तरह से Sarkar ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में शामिल होने का अवसर दिया है।
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केंद्रीय Sarkar की समिति के विचार
26 अगस्त को, जेएन तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी पुरानी पेंशन पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र Sarkar ने पुरानी पेंशनों की बहाली के लिए एक समिति बनाई है। समिति की रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि केंद्र Sarkar की समिति भी OPS Scheme को समर्थन देती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को नई पेंशन व्यवस्था में जबरिया नहीं रखा जा सकता।
Sarkar ने व्यापक रूप से नई पेंशन योजना शुरू की है। इसमें सरकारी और निजी कर्मचारियों दोनों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। ऐसी स्थिति में Sarkar को शायद यह योजना रोकना कठिन होगा। लेकिन सरकारी कर्मचारियों के पास कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। जेएन तिवारी ने कहा कि अगर देश और राज्यों के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से OPS Scheme में जाने का विकल्प नहीं दिया गया, तो Sarkar को इसका भुगतान आने वाले पांच राज्यों और लोकसभा चुनाव में करना पड़ सकता है।