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Haryana Kisan : अब किसान अपनी फसल बेचेंगे विदेशो में भी, यहाँ से बेच सकते है कुछ भी

हरियाणा में लगभग 70% लोग कृषि क्षेत्र में काम करते हैं, जबकि 86% कृषि योग्य जमीन है। हरियाणा से गेहूं और चावल अन्य राज्यों में भी निर्यात किए जाते हैं। इसके अलावा, कई खाद्य पदार्थ विदेशों में निर्यात किए जाते हैं। हैफ़ेड के अध्यक्ष ने संयुक्त अरब अमीरात में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
 
Haryana Kisan : अब किसान अपनी फसल बेचेंगे विदेशो में भी, यहाँ से बेच सकते है कुछ भी 
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इसे यूएई में किया जाएगा चीनी चावल निर्यात: हरियाणा से यूएई को चावल और चीनी निर्यात करने का फैसला हुआ हैफ़ेड के अध्यक्ष कैलाश भगत के साथ हुई बैठक में। सरकार के इस निर्णय से गन्ना उत्पादक किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। प्रतिनिधिमंडल की बैठक में हैफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. जे. गणेशन और महाप्रबंधक रजनीश शर्मा भी मौजूद थे।


हरियाणा के इस जिले में बासमती चावल की सबसे अधिक खेती की जाती है, जिससे राज्य लगातार विकसित हो रहा है। हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन महासंघ लिमिटेड के अध्यक्ष कैलाश भगत ने बताया कि पिछले शुक्रवार को उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के कई कारोबारी से चावल निर्यात पर चर्चा की। 1000 मीट्रिक टन बासमती चावल के निर्यात सौदे को यूएई में हुई प्रतिनिधिमंडल की बैठक में अंतिम रूप दिया गया। हरियाणा में सबसे अधिक बासमती चावल की खेती करनाल जिले में की जाती है।

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यूएई और हरियाणा के समझौते को दिया जाएगा अंत में, हैफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. जे. गणेशन ने बताया कि हैफेड ने हाल ही में 85,000 मीट्रिक टन (850 करोड़ रुपए) बासमती चावल का निर्यात संयुक्त अरब अरब से किया है। उनका कहना था कि सीलाल फूड एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक अब्दुल्ला अतीक अलदरमाकी हरियाणा और यूएई के बीच हुए समझौते को अंतिम रूप देने के लिए चंडीगढ़ जाएंगे। दोनों पक्षों के बीच हुई सहमति के अनुसार चावल का निर्यात किया जाएगा।