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Haryana Diwas : 56 साल का हुआ अपना हरियाणा ...जानिए हरियाणा गठन की पूरी कहानी

सिंधु घाटी जितनी पुरानी कई सभ्यताओं के अवशेष सरस्वती नदी के किनारे पाए गए हैं। प्राचीन वैदिक सभ्यता भी सरस्वती नदी के तट के आस पास फली फूली। ऋग्वेद के मंत्रों की रचना भी यहीं हुई है।
 
Haryana Diwas : 56 साल का हुआ अपना हरियाणा ...जानिए हरियाणा गठन की पूरी कहानी
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Haryana Diwas : हरियाणा उत्तर भारत(North India) का एक प्रांत है, जिसे पंजाब से 1966 में अलग किया गया था। हरियाणा आज अपना 56वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इसकी सीमाएं उत्तर में पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश, पश्चिम तथा दक्षिण में राजस्थान से, एवं पूर्व में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा यमुना नदी से बंधी है।

भारतीय राजधानी दिल्ली के तीन तरफ भी हरियाणा(Haryana Diwas) की सीमाएं लगी हैं जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा में शामिल है। हरियाणा प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ है जो केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ साथ पंजाब की भी राजधानी है।

"हरियाणा का रहा है गौरवमयी इतिहास"(Haryana has a proud history)

हालांकि हरियाणा(Haryana Diwas) अब पंजाब का एक हिस्सा नहीं है पर यह एक लंबे समय तक ब्रिटिश भारत मे पंजाब प्रांत का एक भाग रहा है और इसके इतिहास में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

हरियाणा के बनावाली फतेहाबाद जिले में और राखीगढ़ी, जो की हिसार में हैं, सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा रहे हैं, जो कि 5000 साल से भी पुराने हैं।

सिंधु घाटी जितनी पुरानी कई सभ्यताओं के अवशेष सरस्वती नदी के किनारे पाए गए हैं। जिनमें नौरंगाबाद और मिट्टाथल भिवानी में, कुणाल फतेहाबाद मे, अग्रोहा और राखीगढी़ हिसार में, रूखी रोहतक में और बनावाली फतेहाबाद जिले में प्रमुख है। प्राचीन वैदिक सभ्यता भी सरस्वती नदी के तट के आस पास फली फूली। ऋग्वेद के मंत्रों की रचना भी यहीं हुई है।

ऐसे हुई थी शुरूआत(Starting was Amazing)

जवाहर लाल नेहरू भाषाई आधार पर राज्यों के गठन का विरोध करते रहे थे। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता पोट्टी श्रीरामालू की मद्रास से आंध्र प्रदेश को अलग किए जाने की मांग को लेकर 58 दिन के आमरण अनशन के बाद मौत और संयुक्त मद्रास में कम्युनिस्ट पार्टियों के बढ़ते वर्चस्व ने उन्हें अलग तेलुगू भाषी राज्य बनाने पर मजबूर कर दिया था।

22 दिसम्बर 1953 में न्यायाधीश फजल अली की अध्यक्षता में पहले राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ। इस आयोग ने 30 सितंबर 1955 को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

इस आयोग के तीन सदस्य - जस्टिस फजल अली, हृदयनाथ कुंजरू और केएम पाणिक्कर थे। 1955 में इस आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही 1956 में नए राज्यों का निर्माण हुआ और 14 राज्य व 6 केन्द्र शासित राज्य बने।

पुनर्गठन के दुसरे दौर में हरियाणा का हुआ था जन्म(Haryana was born in the second round of reorganization)

फिर 1960 में पुनर्गठन का दूसरा दौर चला। लिहाजा 1960 में बंबई राज्य को तोड़कर महाराष्ट्र और गुजरात बनाए गए। 1966 में पंजाब का बंटवारा हुआ और हरियाणा(Haryana Diwas) और हिमाचल प्रदेश दो नए राज्यों का गठन हुआ।

इसके बाद अनेक राज्यों में बंटवारे की मांग उठी। लेकिन कांग्रेस ने अपने राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर बड़े राज्यों के विभाजन पर विचार किया और जरूरत होने पर ही धीरे-धीरे इन्हें स्वीकार किया..