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Fastag Rules: वाहन चालाकों के लिए बड़ी खबर, अब सफर होगा महंगा

Fastag Rules: इस महीने से फास्टैग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। अब सभी वाहन मालिकों को इन नियमों को पूरी तरह समझकर उनका पालन करना होगा.
 
Fastag Rules
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इस महीने से फास्टैग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। अब सभी वाहन मालिकों को इन नियमों को पूरी तरह समझकर उनका पालन करना होगा. अगर वे नहीं करते तो वे भारी वित्तीय दंड का सामना करना पड़ सकता है, जिसका नाम Fastag Penalty है। इस बदलाव से सफर पहले से अधिक खर्चीला हो सकता है, इसलिए हाईवे पर गाड़ी चलाने वाले लोगों को नए दिशा-निर्देशों की जरूरत है। 

 

 

नए नियम कब लागू होंगे—
फास्टैग उपयोगकर्ताओं को हाल ही में एक अपडेट मिल गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), एक महत्वपूर्ण संस्था, ने टोल भुगतान प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और सरल बनाने के लिए Fastag Rules for Fastag Card जारी किए हैं। 17 फरवरी 2025 से यह बदलाव प्रभावी होगा। इन नियमों का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और बेहतर ट्रांजैक्शन करना है। वाहन मालिकों को इन परिवर्तनों की पूरी जानकारी मिलनी चाहिए ताकि वे किसी भी समस्या या दंड से बच सकें। (
Fastag Rules)


FASTag बैलेंस वेरिफिकेशन क्या है?

28 जनवरी 2025 को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने फास्टैग भुगतान के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की थी। अब हर सौदा को एक निश्चित समय के अंदर ही मंजूरी मिलेगी। इस बदलाव में दो महत्वपूर्ण समय सीमाएं लागू की गई हैं, जो ट्रांजैक्शन (FASTag rules for trancastion) को बेहतर बनाए रखेंगे। इस कदम का उद्देश्य प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और सुचारु बनाना है, ताकि हर वाहन मालिक के लिए टोल भुगतान अधिक आसान और आसान हो सके। (fastag Rules Changed)


ये नियम फास्टैग भुगतान से जुड़े हैं:

1. 60 मिनट पहले किसी FASTag को ब्लैकलिस्ट, हॉटलिस्ट या बैलेंस कम होने के कारण अनएक्टिव किया गया है और यह स्थिति 60 मिनट से अधिक रहती है, तो ट्रांजैक्शन फेल हो जाएगा. टोल प्लाजा पर पहुंचने पर वाहन मालिक को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस स्थिति में ट्रांजैक्शन को मंजूरी नहीं मिलेगी।

2. भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा अगर फास्टैग को स्कैन किए जाने के 10 मिनट बाद भी ब्लैकलिस्टेड (Fastag Rules for Blacklisted Fastag) या अनएक्टिव (अवरुद्ध या निष्क्रिय) स्थिति में रखा जाता है। वाहन मालिक को इसलिए ट्रांजैक्शन अस्वीकार करना होगा। फास्टैग (नए फास्टैग नियम) दोनों शर्तों को पूरा करेगा, तो सिस्टम ट्रांजैक्शन को एरर कोड 176 के साथ अस्वीकृत करेगा। वाहन मालिक को इससे दोगुना टोल शुल्क देना होगा।


नए नियमों का प्रभाव वाहन मालिकों पर

फास्टैग खातों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है: एक व्हाइटलिस्टेड खाता (NPCI नियमों के अनुसार व्हाइटलिस्टेड खाता) सक्रिय है और दूसरा ब्लैकलिस्टेड खाता निष्क्रिय है। फास्टैग निष्क्रिय होने के कई कारण हैं। वाहन मालिक टोल भुगतान में समस्याओं का सामना कर सकता है। इसलिए, इस स्थिति से बचने के लिए फास्टैग नियमों को नियमित रूप से देखना और उनसे अपडेट रहना महत्वपूर्ण है।

- आपको फास्टैग अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने की सूचना देनी होगी।
- लंबित KYC वैरिफिकेशन का विवरण देना होगा।
- अगर वाहन पंजीकरण विवरण में कोई गड़बड़ी है, तो इसकी सूचना भी देनी चाहिए।


आप जुर्माने से बच सकते हैं इस तरह- 

नए नियमों के अनुसार, अगर फास्टैग को टोल प्लाजा पहुंचने से 60 मिनट पहले ब्लैकलिस्ट या अवरुद्ध कर दिया जाता है, तो रिचार्ज करने के बावजूद ट्रांजैक्शन अस्वीकृत होगा। लेकिन, अगर टोल स्कैनिंग के 10 मिनट के भीतर फास्टैग को रिचार्ज किया जाता है, तो वाहन मालिक को जुर्माना नहीं लगेगा और टोल क्रोस के लिए सिर्फ सामान्य टोल शुल्क देना होगा।

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