logo

Chanakya Niti : आज कल की लड़कियों को इन कामो में आता है सबसे ज्यादा मज़ा, जाने क्या है ऐसा ?

लाखों लोग आज भी कौटिल्य नीति को उसके शब्दों में पढ़ते हैं. इससे प्रेरित होकर, कई राजनेता और व्यवसायी आज भी चाणक्य उद्धरणों को आधुनिक जीवन में उपयोगी मानते हैं।

 
Chanakya Niti : आज कल की लड़कियों को इन कामो में आता है सबसे ज्यादा मज़ा, जाने क्या है ऐसा ?
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

आज भी आचार्य चाणक्य का ज्ञान राजनीति, व्यापार और धन पर बहुत उपयोगी है। 

नैतिकता आचार्य चाणक्य का ज्ञान है। चाणक्य नीति आपको जीवन में कुछ भी पाने में मदद करती है, चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों।

नीतिशास्त्र में चाणक्य ने महिलाओं की इच्छा का उल्लेख किया है।

चाणक्य ने स्त्री-पुरुष की तुलना करके अपनी बात कही है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं की भूख दोगुनी होती है।

समाचार पत्रों में भविष्य में क्या होगा? मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई चाणक्य नीति ने हिंदी में भी अनुवाद किया गया।
सफलता आपको कोई नहीं रोक सकता अगर आप चाणक्य नीति को पढ़कर उसका पालन करेंगे।

साथ ही, आचार्य चाणक्य ने अपनी राजनीतिक पुस्तकों में महिलाओं के विशिष्ट लक्षणों का वर्णन किया है, जो वे हमेशा याद रखती हैं।

उसने किसी को इस बारे में नहीं बताया। चाणक्य ने राजनीति में महिलाओं को पुरुषों के बराबर मानते हैं।

इस राजनीति में आचार्य चाणक्य ने स्त्री के पांच गुणों का वर्णन किया: भूख, लज्जा, अर्थ, लज्जा, साहस और वासना। आइए जानें महिलाएं अब क्या नहीं शेयर करती हैं।

महिलाओं की भूख दोगुनी होती है 

Chanakya Niti : घरवाली या बाहरवाली कौन सी स्त्री है मर्दो की कमजोरी, पत्नी जरूर जाने ये बात

उपरोक्त श्लोक में आचार्य चाणक्य ने नारी शक्ति का वर्णन किया है। आचार्य चाणक्य ने कहा कि महिलाओं को पुरुषों से दोगुनी भूख लगती है।

आज की लाइफस्टाइल में काम करने से महिलाओं की डाइट बाधित होती है, लेकिन वे अपनी भूख को नियंत्रित कर सकती हैं।

चार गुना महिलाओं को शर्म आती है 

आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति के अनुसार, महिलाओं की शर्मिंदगी पुरुषों की तुलना में चार गुना अधिक होती है।

महिलाओं को अक्सर कुछ भी कहने से पहले इतनी शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। 

साहस छह बार 

चाणक्य सिद्धांत के अनुसार, महिलाएं शुरू से ही साहसी हैं। पुरुषों से छह गुना अधिक साहसी महिलाएं हैं।

नारी को इसलिए शक्ति की भी प्रतिमूर्ति मानते हैं।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कामेच्छा अधिक होती है, लेकिन चाणक्य ने कहा कि महिलाओं में शर्म और सहनशीलता भी अधिक होती है।

वे अपने संस्कारों की रक्षा करते हुए इसका खुलासा नहीं करतीं। पूरी तरह से संपन्न परिवार।