Chanakya Niti : इस पाप की इंसान को कभी नही मिलती माफी, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति
यदि आप भी सोचते हैं कि मनुष्य का सबसे बड़ा पाप कौन सा है, तो चाणक्य के सिद्धांतों के अनुसार आज हम आपको बताते हैं कि दुनिया में ऐसा पाप है जिसकी क्षमा कभी नहीं होती। चाणक्य नीति इस बारे में क्या कहती है?
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) कहती है कि एक व्यक्ति अपने शब्दों से दूसरों को हथियार से अधिक घायल कर सकता है, जो मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा पाप है। कड़वे बोल एक ऐसा शब्द है जो बिना हाथ लगाए दूसरों को मार सकता है।
आचार्य चाणक्य ने कहा कि माता-पिता के लिए अपनी जुबान का प्रयोग करना जीवन में सबसे बड़ा पाप है। इस कथन का मतलब है कि माता-पिता को अपशब्द कहना महापापी है।
हिन्दू धर्म में माता-पिता को ईश्वर के समान माना जाता है, इस गलती की क्षमा नहीं मिलती। माता-पिता अपने बच्चों की खुशी के लिए अपनी पूरी जिंदगी खर्च करते हैं। अपने जीवन का हर पल कड़ी मेहनत करके अपने जीवन को सुख-सुविधाओं से भर देते हैं। पर माता-पिता को अपनी संतान को जन्म देने का ये पाप जीवन भर दुख देता है।
चाणक्य नीति कहता है कि तीर से निकला बाण कभी वापस नहीं लौटता। जुबान से निकले शब्द भी कभी वापस नहीं लिए जा सकते हैं। अक्सर लोग गुस्से में आकर माता-पिता को बदनाम करते हैं।
पर जब क्रोध शांत हो जाता है, व्यक्ति के पास पछतावा ही रहता है। इसलिए आपको अपने क्रोध को नियंत्रित करना चाहिए। साथ ही, हमें याद रखना चाहिए कि हमारी जुबान से निकला गलत शब्द माता-पिता को किसी भी तरह से दुखी नहीं करेगा।
यदि माता-पिता माफी मांगे भी, भगवान इस गलती को कभी माफ नहीं करेगा।