Budget 2025: कृषि क्षेत्र के लिए सरकार ने किए ये 8 बड़े ऐलान, जानिए
Budget 2025: शनिवार (1 फरवरी) को, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। Finance Minister ने कहा कि भारत उच्च उपज वाले बीजों पर एक राष्ट्रीय अभियान चलाएगा। उन्होंने संसद में अपना लगातार आठवां बजट पेश करते हुए कहा कि बिहार में मखाना उत्पादन और प्रसंस्करण में सुधार के लिए एक "मखाना बोर्ड" की स्थापना की जाएगी।
Finance Minister ने कहा कि सरकार स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) और समुद्री मत्स्य पालन क्षेत्र को बचाने के लिए मजबूत ढांचा बनाएगी। उन्होंने कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पांच साल का मिशन भी घोषित किया।
1.7 करोड़ किसानों को सहायता देने वाली प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana) की शुरुआत होगी।
"ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण" एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम होगा। पहली बार सौ विकासशील कृषि जिले शामिल किए जाएंगे।
‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ (छह वर्ष का) तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के लिए शुरू होगा। अगले चार वर्षों में, नेफेड और एनसीसीएफ जैसी केंद्रीय एजेंसियां किसानों से ये दालें खरीदेंगे।
फल और सब्जियों के उत्पादन, प्रसंस्करण और लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के सहयोग से एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
बिहार में मखाना बोर्ड लगेगा। FPO लोगों को इस काम में शामिल किया जाएगा।
राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान वातावरण को मजबूत करना होगा, लक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना होगा और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर पेश करना होगा।
कपास की खेती में निरंतरता और उत्पादकता में काफी सुधार लाने के लिए पांच वर्षीय मिशन की घोषणा
किसान क्रेडिट कार्ड लोन सीमा को 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
एक्सपर्ट की राय—कोटक सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ श्रीपाल शाह ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए उपायों की एक श्रृंखला का लक्ष्य आत्मनिर्भरता को बढ़ाना और कमोडिटी बाजारों को मजबूत करना है, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण मांग बढ़ेगी। यूनियन बजट 2025 (Union Budget 2025) ने स्पष्ट रूप से स्थिरता सुनिश्चित करने और ग्रोथ को तेज करने के लिए कंज् यूमर की मांग को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया है।
घोषित किए गए उपायों का लक्ष्य मोमेंटम को फिर से बढ़ाना है, क्योंकि पिछली दो तिमाहियों में आर्थिक विस्तार हुआ है।
पर्सनल इनकम टैक् स में बड़ी राहत दी गई है, जिससे 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्ति का टैक्स जीरो होगा। इस कदम से बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम करने, मध्यम वर्ग पर वित्तीय बोझ को कम करने और हायर कंज् यूमर एक् सपेंडिंग के साथ-साथ निवेश को बढ़ावा देने की उम्मीद है। इसके अलावा, कई टीडीएस और टीसीएस सुधारों पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
सरकार ने कैपिटल गेंस टैक्स और सिक् योरिटी ट्रांजेक् शन टैक्स (STT) को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया, जो कैपिटल मार्केट के निवेशकों के लिए टैक्स रीजीम में स्थिरता सुनिश्चित करेगा, जो अभी बजट एलानों में अधिक विवरण की प्रतीक्षा में है। इसके अलावा, एक् सपोट्र प्रमोशन मिशन की शुरूआत और कस् टम ड्यूटी स् ट्रक्चर के सरलीकरण से भारत की ग् लोबल ट्रेड में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता भी बढ़ने की उम्मीद है। रुपये की स्थिरता में योगदान देने के लिए ये पहल विदेशी एक्सचेंज रिजर्व को मजबूत करेंगी, पेमेंट बैलेंस में सुधार करेंगी और विदेशी एक्सचेंज रिजर्व का समर्थन करेंगी।
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