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5G के बाद अब मिलेगी 6G सर्विस, टेलीकॉम मंत्री ने बताया पूरा प्लान

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने देशभर में चल रहे कुछ अहम मुद्दों पर जानकारी देते हुए बताया कि टेलीकॉम सेक्टर को GSM ने ग्लोबल अवॉर्ड से नवाजा है और यह सरकार की नीतियों का ही परिणाम है.
 
5G के बाद अब मिलेगी 6G सर्विस, टेलीकॉम मंत्री ने बताया पूरा प्लान
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उन्होंने अपनी बात को रखते हुए ना केवल 5G नेटवर्क के बारे में कहा बल्कि उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि भारत भी अन्य देशों की तरह 6G तकनीक के मामले में आगे रहना चाहता है और भारत को 6जी सर्विस के लिए 100 पेटेंट मिल चुके हैं.


6G की रेस में भारत को मिल चुके हैं इतने पेटेंट

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने GSM अवॉर्ड मिलने की खुशी जाहिर करते हुए इस बात की भी जानकारी दी है कि भारत को 6जी सर्विस के लिए 100 पेटेंट मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से इस क्षेत्र पर फोकस बनाए हुए हैं.


टास्क फोर्स से मिली रिपोर्ट के बाद हम इस दिशा में जल्द ही कदम बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा था कि अन्य देशों की तरह भारत भी 6जी टेक्नोलॉजी के मामले में आगे रहना चाहता है.

इस दशक के अंत तक देश में 6जी नेटवर्क शुरू हो जाएगा, सामने आई इस जानकारी से एक बात तो साफ है कि अगले दस साल में भारत 6G नेटवर्क से लैस होगा.

पूरे देश में कब तक मिलने लगेगी 5G सर्विस?

हुए 5G नेटवर्क के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि टेलीकॉम कंपनियां 5जी सेवाओं को रोलआउट कर रही हैं और दिसंबर 2024 तक पूरे देश में सभी यूजर्स को 5जी सर्विस का फायदा मिलने लगेगा.

टेलीकॉम सेक्टर में आएंगे रोजगार के अवसर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जल्द ही टेलीकॉम सेक्टर में आप लोगों को सबसे ज्यादा नई नौकरियां देखने को मिलेगी जिससे हजारों-लाखों लोगों को फायदा पहुंचेगा.

ग्लोबल स्पीड टेस्ट में इंडिया किस पायदान पर?
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि GSM Award एक बड़ी उपलब्धि है जो सरकार द्वारा किए गए सुधारों को दर्शाती है. बता दें कि भारत ने ग्लोबल स्पीड टेस्ट में 118वें नंबर से 69 पर और अब 49 पायदान पर अपनी जगह बना ली है.

उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि सरकार को 6G के 100 पैटर्न मिल चुके हैं.

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एक बहुत ही बड़ा बदलाव हमें देखने को मिला है और वह यह है कि अभी मौजूदा समय में 99 फीसदी लोग देश में बने हैंडसेट्स यानी मेड इन इंडिया मोबाइल फोन्स का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 10 मिलियन डॉलर के भारत में बने मोबाइल को एक्सपोर्ट किया जाएगा.

UPI के प्रति बढ़ी रुचि

बता दें कि ना केवल भारत में यूपीआई के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है बल्कि 50 से 60 देशों ने भी सरकार के यूपीआई सिस्टम को अपनाने के लिए रुचि जाहिर की है.

विदेशों में होने लगा 6जी नेटवर्क पर काम

बता दें कि एक ओर जहां भारत में अभी 5जी सेवाएं धीरे-धीरे रोलआउट होने लगी हैं चतो वहीं विदेशों में 6G नेटवर्क पर काम भी शुरू हो गया है. आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिण कोरियाई सरकार इस बात की घोषणा कर चुकी है कि 2028 तक 6जी नेटवर्क को शुरू कर दिया जाएगा. बता दें कि 6जी सेवा को लागू करने में यह दुनिया का पहला देश बन गया है और इस परियोजना में लगभग 625.3 बिलियन वॉन (लगभग 3,978 करोड़ रुपये) का खर्च आएगा.