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UP Noida News: यमुना एक्सप्रेसवे किनारे बड़ी कंपनियों ने खेला अरबों का खेल, जानिए क्या है पूरा मामला?

Global IT Infra ने एनटीटी मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई से आगे बढ़कर ग्रेटर नोएडा में डेटा सेंटर बनाया है। इसलिए इस क्षेत्र में कई रोजगार के मौके होंगे।

 
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Haryana Update: मोटो जीपी के सफल आयोजन और एफ-1 के भारत में वापस आने की चर्चा के बाद, यमुना एक्सप्रेसवे फिर से चर्चा में है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद, ये क्षेत्र दुनिया भर से आने वाली कंपनियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बनता जा रहा है। IT कंपनियों, टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनियों, डेटा सेंटर्स और रियल एस्टेट डेवलपर्स इस क्षेत्र में बड़े निवेशों की योजना बना रहे हैं। 

यमुना एक्सप्रेसवे टेक हब होगा

इसलिए नोएडा-ग्रेटर-नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे को एक टेक हब के रूप में बनाने का विचार है। जानकारों का मानना है कि यहां नौकरियों और घरों की सप्लाई में भारी वृद्धि होगी। यहां पर कमर्शियल और रेजिडेंशियल रियल एस्टेट को इससे लाभ मिलेगा। यमुना एक्सप्रेसवे का तेज विकास की एक बड़ी वजह यह है कि यह दूसरे देशों की सड़कों के मुकाबले अफोर्डेबल है। दरअसल, इस समय गुरुग्राम, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना काफी महंगा है। साथ ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे बेल्ट, जो यमुना एक्सप्रेस वे पर कनेक्टिविटी और अन्य सुविधाओं को प्रदान करता है, दूसरे इलाकों को बड़ी कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए तैयार है।

माइक्रोसॉफ्ट भारी निवेश करेगी

HCL, टेक महिंद्रा और माइक्रोसॉफ्ट पहले से ही इस बेल्ट में हैं। माइक्रोसॉफ्ट का इंडिया डेवलपमेंट सेंटर डेढ़ लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है, जो एक अमेरिकी टेक कंपनी है। 6.45 लाख वर्ग फुट का डेटा सेंटर इसका अगला कार्य है। तीन हजार नौकरियां पैदा होंगी और माइक्रोसॉफ्ट का निवेश लगभग 1800 करोड़ रुपये का होगा।

सैमसंग, डिक्सन, एलजी, ओप्पो, वीवो, लावा और ऑप्टिमस जैसी फोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियां इस बेल्ट में पहले से ही शामिल थीं, और अब वे भी अपना विस्तार कर रहे हैं। इन कंपनियों का कहना है कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और जेवर एयरपोर्ट इसके विस्तार की दो बड़ी वजह हैं। नोएडा में इन कंपनियों का लगातार विस्तार इस शहर को मोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल उत्पादन का अगला हब बना सकता है। 

ग्लोबल फिल्मसिटी टेंडर

यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी ने हाल ही में फिल्म सिटी के पहले फेज के लिए तीसरी बार ग्लोबल टेंडर जारी किया है। इसे विकसित करने, चलाने और रखरखाव करने के लिए निवेशकों और उत्पादन कंपनी को आमंत्रित किया जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे के सेक्टर 21 में पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल पर निर्मित ये फिल्मसिटी इस क्षेत्र की छवि को बेहतर बनाएंगे।

3 चरणों में फिल्मसिटी बनाई जाएगी

इस बार केवल 230 एकड़ के पहले फेज (155 एकड़ औद्योगिक और 75 एकड़ कमर्शियल) के लिए टेंडर जारी किया गया है। इससे पहले, एक हजार एकड़ के पूरे परियोजना के लिए दो बार टेंडर जारी किया गया था। लेकिन इतना बड़ा निवेश जुटाने में आ रही चुनौती को देखते हुए इसे अब फेज के हिसाब से विकसित किया जाएगा। योजना के पूरे निवेश (7200 करोड़) से पहले 1500 करोड़ का निवेश आवश्यक होगा।

8 साल में फिल्मसिटी बन जाएगी

इसमें पोस्ट प्रॉडक्शन, फिल्म स्टूडियोज, फिल्म इंस्टीट्यूट और फिल्म मेकिंग से जुड़ी अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा, कमर्शियल क्षेत्र में हॉस्पिटैलिटी परियोजनाएं, मनोरंजन पार्क आदि बनाए जाएंगे। योजनाओं को आठ वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि व्यावसायिक विकास अगले तीन वर्ष में किया जाएगा। इस बार काम के टेंडर को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई बदलाव और छूट किए गए हैं। इसमें 60 वर्ष से 90 वर्ष का कंसेशन पीरियड बढ़ाना शामिल है।