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Haryana News: बाढ़ ने छीन लिए घर और खेत, बेबस हुए लोग, सुरक्षा की सता रही चिंता, कैसे रहेंगे बाढ़ से ग्रसित लोग

Haryana: ये लोग, जो कुछ दिन पहले तक सामान्य जीवन जीते थे, आज राहत कैंप में बेबसी से दिन-रात बिता रहे हैं। फतेहाबाद में ऐसे ही राहत कैंपों में लोग रह रहे हैं, जो कई धर्मशालाओं, स्कूलों और नए अनाज मंडी में हैं। ढाणियों से निकाले गए अपने सामान के साथ लोग वक्त बिता रहे हैं, मंडी के शेड में बने राहत कैंप में 80 से अधिक परिवार ठहराए गए हैं
 
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Haryana Update: फतेहाबाद में आई बाढ़ में 130 से अधिक गांव और सैकड़ों ढाणियां डूब गईं। हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाव और राहत कैंपों में स्थानांतरित किया गया है। ये लोग, जो कुछ दिन पहले तक सामान्य जीवन जीते थे, आज राहत कैंप में बेबसी से दिन-रात बिता रहे हैं। फतेहाबाद में ऐसे ही राहत कैंपों में लोग रह रहे हैं, जो कई धर्मशालाओं, स्कूलों और नए अनाज मंडी में हैं। ढाणियों से निकाले गए अपने सामान के साथ लोग वक्त बिता रहे हैं, मंडी के शेड में बने राहत कैंप में 80 से अधिक परिवार ठहराए गए हैं। नवजातों को गर्मी और उमस में रहना पड़ता है।

यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि सब कुछ पानी से प्रभावित हुआ है। यहां आने के दो दिन बीत गए हैं, लेकिन प्रशासन से कोई भी व्यक्ति उनकी सुध लेने नहीं आया है। रात में क्षेत्र पूरी तरह से सुनसान हो जाता है, लेकिन दिन में कुछ तरीके से कट जाता है। वे और उनके परिवार खुले में पड़े हैं, जहां कोई कमरा या दरवाजा नहीं है। उनके साथ उनके परिवार के सदस्य भी हैं।

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डूबे हुए खेत और खलिहानों की सुरक्षा खतरे में है। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे आते वक्त वहां से सिर्फ बिस्तर, कपड़े, चारपाई, फ्रिज और कूलर निकाल पाए। पानी में फर्नीचर सहित सब कुछ डूबा हुआ है। कच्चे मकानों में दरारें आ गई हैं, जो अब गिरने के कगार पर हैं। वे अपना घर होते हुए भी शेड में बेघर की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं। दो दिन पहले तक उनके खेत भरपूर फसलों से भरे हुए थे, लेकिन आज परिस्थितियां ऐसी बन गईं कि न फसलें बचीं, न घर और न खुशियां। पीड़ित परिवारों को सभी राहत कैंपों में प्रशासन या समाजसेवी संस्थाएं भोजन प्रदान करते हैं।