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Gurugram Tower: ट्विन टावर की तरह ही गुरुग्राम का यह टावर भी होगा धवस्त, विस्फोट के लिए करना होगा छेद

Gurugram Tower: नोएडा के ट्विन टावरों की तरह चिंटेल्स पैराडाइसो के टावरों को तोड़ने की कोई योजना नहीं है। टावर बहुत असुरक्षित हैं, इसलिए इसे मशीन से तोड़ा जाएगा। टावरों को विस्फोट करने के लिए छेद करना होगा।

 
Gurugram Tower
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Gurugram Tower: नोएडा के ट्विन टावरों की तरह चिंटेल्स पैराडाइसो के टावरों को तोड़ने की कोई योजना नहीं है। टावर बहुत असुरक्षित हैं, इसलिए इसे मशीन से तोड़ा जाएगा। टावरों को विस्फोट करने के लिए छेद करना होगा।

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टावर इतने मजबूत हैं कि होलिंग में गिर सकते हैं। इतना ही नहीं, टावरों के निकट कई गाँव हैं। सभी को निकालना असंभव है। यह सब देखते हुए, टावरों को मशीनीकृत रूप से तोड़ा जाएगा। निर्माण से ध्वस्तीकरण तक काम पूरा होने में छह महीने लगेंगे।

पिछले साल मामला सामने आया था।

10 फरवरी, पिछले साल, चिंटेल्स पैराडाइसो सोसायटी के डी टावर में यह हादसा हुआ था। पहली मंजिल तक एक फ्लैट ड्राइंग रूम का फर्श ढह गया था। हादसे में दो लोग मारे गए।

D-Tower की तीसरी, चौथी और पांचवीं मंजिलों पर कुछ दिन पहले एक फ्लैट की बालकनी गिर गई, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ। टावरों को जल्दी से गिराने का प्रयास प्रशासन ने इसके बाद से किया है। फिर भी, लोगों को टावरों के पास जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग पर जोर दिया जा रहा है।

बिल्डर टावरों को गिरा देगा या तोड़ देगा। बिल्डर को गिराना या गिराना चाहिए। ध्वस्तीकरण या तोड़फोड़ की कार्रवाई पूरी तैयारी के साथ की जाएगी, यह प्रशासन सुनिश्चित करेगा। पूरी तरह से असुरक्षित हैं पांच टावर।

टावरों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश

स्ट्रक्चरल ऑडिट ने चिंटेल्स पैराडाइसो के D, E, F, G और H टावरों को असुरक्षित बताया है। लोगों के रहने के लिए सभी टावर सही नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीणा ने टावरों को गिराने का कार्य शुरू करने का आदेश दिया है।

बिल्डर ने निर्देशानुसार तैयारी शुरू कर दी है। G और H Towers में 15 परिवार रहते हैं। इन्हें मंजूरी मिलने पर प्रक्रिया काफी तेज हो जाएगी। तोड़फोड़ एजेंसी एडिफिस ने टावरों का निरीक्षण किया है और अपनी रिपोर्ट बिल्डर को सौंप दी है। उत्कर्ष मेहता, एजेंसी पार्टनर, कहते हैं कि इसे नोएडा के ट्विन टावरों की तरह नहीं तोड़ा जा सकता।

हर टावर बहुत कमजोर है। टावरों को विस्फोट करने के लिए छेद करना होगा। टावर भी छेद के दौरान गिर सकते हैं जब छज्जा गिरता है। टावरों को इस तरह मशीन से तोड़ा जाएगा। उसने कहा कि एजेंसी के पास सात या आठ ऐसे उपकरण हैं जो टावरों को बिना किसी नुकसान के ध्वस्त कर सकते हैं। टावरों को तोड़ने का काम हर हाल में छह महीने के अंदर पूरा हो जाएगा।