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Match Fixing: BCCI ने लगाया था बैन दिग्गज भारतीय क्रिकेटर पर ,अब बना नेपाली टीम का कोच

Match Fixing: BCCI had imposed a ban on the legendary Indian cricketer, now made the coach of the Nepalese team

 
Match Fixing: BCCI ने लगाया था बैन दिग्गज भारतीय क्रिकेटर पर ,अब बना नेपाली टीम का कोच

Haryana Update: भारत के Former all-rounder Manoj Prabhakar को Nepal Cricket Team नेपाल क्रिकेट टीम का Main Coach मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। Sri Lanka श्रीलंका केFormer Cricketer Pubudu Dasanayake की जगह प्रभाकर अब मुख्य कोच की भूमिका निभाएंगे।

In his time, Prabhakar was one of the best all-rounders in the world. Now an international coach has also become.

 

 

प्रभाकर ने 1984 से लेकर 1986 तक 39 टेस्ट और 130 one day international match खेले हैं। (Prabhakar Ranji team of Rajasthan, Uttar Pradesh and Delhi) प्रभाकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की रणजी टीम के कोच भी रह चुके हैं। इसके अलावा 2016 में (Afghanistan national team) अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम के गेंदबाजी कोच भी रहे थे। Nepali Cricket Association नेपाली क्रिकेट संघ के बयान के अनुसार प्रभाकर ने कहा कि नेपाल में क्रिकेट के प्रति रुचि और प्रतिभा और कौशल को देखते हुए, नेपाल क्रिकेट टीम के साथ काम करने में और उसे एक मजबूत टीम बनाने के लिए मैं काफी ज्यादा उत्सुक हूं।

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एक वह समय था जब 1980 और 1990 के दशक में हर (Indian cricket fan Manoj Prabhakar) भारतीय क्रिकेट फैन मनोज प्रभाकर के नाम से भलीभांति वाकिफ था। प्रभाकर ने Team India टीम इंडिया के लिए 39 टेस्ट मैच खेले हैं और 37।30 की औसत से 96 विकेट लिए हैं टेस्ट की 58 पारियों में 32।65 की औसत से 1600 रन बनाए हैं। इसमें 1 शतक और 9 अर्धशतक शामिल हैं। वही बात की जाए सीमित ओवर के क्रिकेट की तो उन्होंने 130 वनडे मैचों में 1858 रन बनाए हैं। जिनमें 2 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने 28।47 की औसत से 157 विकेट भी लिए हैं।

Manoj Prabhakar a setting operation में शामिल हुए थे। इस ऑपरेशन के जरिए कई क्रिकेटर को एक्सपोज करने की कोशिश की गई, लेकिन फिर भी उनपर ही फिक्सिंग का आरोप लगा। इस पूरी घटना के बाद BCCI बीसीसीआई ने मनोज के क्रिकेट खेलने पर Ban बैन लगा दिया था। साल 2011 में दिल्ली की टीम के कोच के पद से इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि उन्होंने सरेआम के खिलाड़ियों और सिलेक्टर्स की काफी आलोचना की थी। प्रभाकर साल 1996 में कांग्रेस के टिकट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी।

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