logo

Guru Nanak: गुरु नानक देव पर मंत्री मेघवाल ने किया पुस्तकों का लोकार्पण

Team Digital: केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरु नानक देव जी के 550 वें जन्मोत्सव के कार्यक्रमों की कड़ी में 11 पुस्तकों का लोकार्पण किया।
 
गुरु नानक देव पर मंत्री मेघवाल ने किया पुस्तकों का लोकार्पण 

Haryana update: सभी पुस्तकें गुरु नानक देव जी(Guru Nanak Dev ji) के जीवन, दर्शन और शिक्षा पर केंद्रीत हैं। अर्जुन राम मेघवाल(Arjun Ram Meghwal) ने गुरु नानक देव(Guru Nanak Dev) की एक प्रसिद्ध गुरबानी सुमिरन कर ले मेरे मना रे तेरी बीती उमर हरिनाम बिना रे, गाकर सुनाई।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि नाम जप का बहुत महत्व है और गुरु नानक देव जी ने बीकानेर क्षेत्र(Bikaner Region) में एक जैन संत को यही बात बताने के लिए इस गुरबानी को स्थानीय भाषा में सुनाया था। गुरु नानक राष्ट्रीय चेतना के वाहक थे। इस दौरान गुरु तेगबहदुर जी पर डॉ. सच्चिदानंद जोशी, अमनप्रीत सिंह गिल एवं मलकियत सिंह की पुस्तक द सबलाइम सेवियर: लाइफ एंड लीगेसी ऑफ श्री गुरु तेगबहादुर जी का लोकार्पण भी किया गया।

also read this news:

प्रतिमा अनावरण पर नेताजी की बेटी ने PM मोदी का जताया आभार, कही ये बात(Netaji's daughter expressed gratitude to PM Modi on the unveiling of the statue, said this)

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों के लोकार्पण कार्यक्रम में कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय, कला केंद्र के ट्रस्टी कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री, कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, प्रख्यात वकील व समाजसेवी गुरुचरण सिंह गिल, स्वामी रामेश्वरानंद हरि और पुस्तकों के लेखक भी उपस्थित थे। केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि ये किताबें देश भर में, दुनिया भर में पहुंचेंगी और तारीख इतिहास में दर्ज होगी।
उन्होंने कहा कि जो किनारों से टकराता है, वो तूफान है, जो तूफानों से टकराता है, वो इंसान है और गुरु नानक वैसे ही इंसान थे।

गुरु नानक देव जी के जीवन, दर्शन और शिक्षा पर आधारित हैं पुस्तक(The book is based on the life, philosophy and education of Guru Nanak Dev Ji.)

कार्यक्रम में केंद्र के सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी (Secretary Dr. Satchidanand Joshi)ने कहा गुरु नानक देव जी जैसे संत विरले ही होंगे, जिन्होंने 30,000 किलोमीटर से ज्यादा की यात्राएं कीं। उनकी ये यात्राएं केवल धार्मिक यात्राएं नहीं थीं, बल्कि समाज और लोगों को जोडऩे का उपक्रम थीं।

लोकार्पित पुस्तक और उनके लेखकों के नाम(Released books and their authors names)

1. गुरु नानक देव के संवाद और समाज को मार्गदर्शन- डॉ. रतन शारदा एवं राजन खन्ना
2. जनम साखी परम्परा विच गुरु नानक दर्शन- डॉ. हरपाल सिंह पन्नू
3. भारतीय दर्शन दी परम्परा ते गुरु नानक बानी- प्रो. जगबीर सिंह
4. गुरु नानक देव जी: अंडरस्टैंडिंग सोशल एंड इकोनॉमिक पसज़्पेक्टिव- डॉ. जसविंदर सिंह और डॉ. अमनप्रीत सिंह गिल
5. गुरु नानक: अ ब्रीफ बायोग्राफी- डॉ. धरम सिंह
6. श्री गुरु नानक देव जी दा अध्यात्म: सामाजिक सार्थकता- डॉ. लखवीर लेजिया
7. श्री गुरु नानक देव जी: लाइफ एंड टाइम्स- डॉ. जी.एस. नय्यर
8. संत परम्परा ते श्री गुरु नानक देव जी- डॉ. किशन गोपाल
9. एसेज ऑन द फिलॉसफी ऑफ श्री गुरु नानक देव जी- एन. मुत्थु मोहन
10. भारतीय ज्ञान धारा ते गुरु नानक बानी- डॉ. एस.के. देवेश्वर
11. मानवता के रक्षक- डॉ. लखवीर लेजिया

click here to join our whatsapp group