12 मई को मनाई जाएगी कालाष्टमी, देखे भगवान भैरव की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र
तंत्र विद्या सीखने वाले साधक काल अष्टमी की पूजा करते हैं.
Kaal Ashtami 2023 : 12 मई 2023 को कालाष्टमी मनाई जा रही है. कालाष्टमी की रात तंत्र विद्या सीखने वाले साधक महाकाल के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा अर्चना कर सिद्धि प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करते हैं. प्रचलित मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधि विधान से पूजा अर्चना करता है तो उसके जीवन में आ रहे कष्ट, संकट, काल और दुख समाप्त हो सकते हैं.
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निर्मल भाव से महाकाल के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है.(Kaal Ashtami 2023) भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं कालाष्टमी व्रत पूजा विधि और मंत्र.
पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार कालाष्टमी तिथि की शुरुआत 12 मई 2023 को सुबह 09:06 मिनट पर आरंभ हो रही है. जिसका समापन अगले दिन यानी 13 मई 2023 को सुबह 06:50 मिनट पर होगा. (Kaal Ashtami 2023)प्रचलित मान्यताओं के अनुसार काल भैरव की पूजा रात में करना शुभ माना गया है. जिसके अनुसार 12 मई को कालाष्टमी मनाई जा रही है. इसलिए 12 मई को ही व्रत रखा जाएगा.
काला अष्टमी की पूजा विधि
– कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.(Kaal Ashtami 2023)
– जो लोग व्रत कर रहे हैं वे काले रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं. महादेव के रौद्र रूप काल भैरव का मन ही मन ध्यान करते हुए हाथ में गंगाजल लेकर व्रत करने का संकल्प लें.
– अब काल भैरव को धतूरा, दूध, दही, बेलपत्र, धूप, दीप, फल, फूल, पंचामृत आदि अर्पित करें.
इसके बाद पूजा करते समय नीचे दिए मंत्रों का मन ही मन जाप करें.(Kaal Ashtami 2023)
– अंत में काल भैरव की आरती कर उनसे शुभ आशीष की कामना करें. यदि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं तो इस दिन का व्रत करें.
– व्रत के दौरान शाम की पूजा आरती करने के बाद फलाहार ग्रहण करें.(Kaal Ashtami 2023)
– अगले दिन व्रत का पारण करें और सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंदों को दान अवश्य करें.