logo

Toyota: 28 सितंबर को लॉन्च होगी Toyota की पहली Flex Fuel Car, Petrol-Diesel से मिलेगा छुटकारा

Toyota First Flex Fuel Car: जापान की वाहन निर्माता टोयोटा भारत में पहली फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाली कार (Flex Fuel car in india) लाने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी 28 सितंबर को Toyota Corolla hybrid गाड़ी पेश करेगी. 
 
Toyota's first Flex-Fuel car to be launched on September 28
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Toyota Flex Fuel car in india: भारत सरकार पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) से चलने वाले वाहनों पर निर्भरता खत्म करना चाहती है. यही वजह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर काफी फोकस किया जा रहा है.

इसके अलावा सरकार फ्लेक्स-फ्यूल टेक्नोलॉजी (Flex Fuel Technology) पर भी काम कर रही है. इसी क्रम में जापान की वाहन निर्माता टोयोटा भारत में पहली फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाली कार (Flex Fuel car in india) लाने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी 28 सितंबर को Toyota Corolla hybrid गाड़ी पेश करेगी. फिलहाल इस गाड़ी की बिक्री ब्राजील में की जा रही है.

 Union Minister Nitin Gadkari will present this car at an event in Delhi.


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) दिल्ली (Delhi) में एक कार्यक्रम में इस कार को पेश करेंगे. इस महीने की शुरुआत में ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) के कार्यक्रम में बोलते हुए, मंत्री ने खुद घोषणा की थी कि वह सितंबर में भारत की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार (Indias First Flex Fuel Car) का अनावरण करेंगे.

Car में 2.0 Ltr Petrol Engine दिया जाएगा, जो एक स्ट्रॉन्ग Hybrid Technology के साथ E85 ethanol पर चलने में सक्षम है.

 

India में पेश किया जाने वाला मॉडल ब्राजील में बिकने बिकने वाली कार ही होगा. इसका सीधा मतलब है कि यह लेफ्ट हेंड ड्राइव गाड़ी होगी. इसका इस्तेमाल भारत में Toyota के लिए एक डेमो के रूप में किया जाएगा. इससे पहले Hydrogen से चलने वाली Toyota Mirai के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था. 


What is Flex Fuel?


फ्लेक्स फ्यूल(flex fuel) एक ऐसा इंजन होता है, जिसमें पेट्रोल और  इथेनॉल (Ethanol)/मेथेनॉल के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस प्रकार के फ्यूल को फ्लेक्स या फ्लेक्सिबल फ्यूल कहते हैं. इंजन को दो या दो से अधिक फ्यूल पर चलने में सक्षम बनाने के लिए पेट्रोल इंजन में कुछ बदलाव करने पड़ते हैं. यह इंजन 100 फीसदी पेट्रोल और 100 फीसदी ईथनॉल पर भी चलने में सक्षम होता है. फिलहाल ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल ब्राजील, कनाडा और यूएसए में किया जाता है.