logo

Toll Plaza : टोल प्लाज़ा पर अब शुरू हुई GNSS व्यवस्था, जानिए क्या है इसके फायदे

अब सरकार एक और महत्वपूर्ण सेवा शुरू करने जा रही है। इससे न तो टोल प्लाज़ा पर रुकने की परेशानी होगी और न ही समय बर्बाद होगा। साथ ही आप जल्दी अपने लक्ष्य पर पहुंच जाएंगे।
 
Toll Plaza : टोल प्लाज़ा पर अब शुरू हुई GNSS व्यवस्था, जानिए क्या है इसके फायदे 
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

जब आप सफर करते हैं तो आमतौर पर बीच में टॉल प्लाज़ा पड़ता है, और टोल प्लाज़ा पर हमेशा सामान की लंबी कतार होती है। जब आप व्यस्त होते हैं या अर्जेंट जाना होता है, आपके पास समय नहीं होता। ऐसे में यह भीड़ आपको बाधा डालती है। आप बस की लंबी कतार से निकलना चाहते हैं, लेकिन आपका बस नहीं चलता, तो आप जाम में फंस जाते हैं।


यह देखते हुए सरकार ने फास्टैग सेवा शुरू की थी. अब सरकार एक और महत्वपूर्ण सेवा शुरू करने जा रही है। इससे न तो टोल प्लाज़ा पर रुकने की परेशानी होगी और न ही समय बर्बाद होगा। साथ ही आप जल्दी अपने लक्ष्य पर पहुंच जाएंगे।

टोल प्लाजा पर जाम नहीं लगता: सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि देश में टोल प्लाजा पर लगने वाले औसत समय में कमी आई है। यह प्रतीक्षा समय, जो पहले औसतन 734 सेकंड था, अब सिर्फ 47 सेकंड रह गया है। नेशनल हाईवे पर फास्टैग लगने के बाद टोल प्लाजा पर मात्रा में वृद्धि हुई है। यात्रा करते समय भी लोग अब आसानी से गंतव्य पर पहुंच पा रहे हैं।

Toll Tax News : अब टोल प्लाजे पर नहीं लगेगा जाम, इस तकनीक से कटेंगे अब टोल टैक्स
इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने केंद्रीय परिवहन मंत्री से पूछा कि सरकार टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम को कम करने के लिए क्या कर रही है? यह प्रश्न GNSS की मदद से बनाया जाएगा। क्या इस समस्या को हल करने के लिए कोई नया उपाय बनाया जा रहा है? केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में जल्द ही गेट फ्री टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। इससे लोगों को प्लाजा पर कुछ समय नहीं रुकना पड़ेगा। इस योजना पर काम करने के लिए सरकार ने एक सलाहकार नियुक्त किया है।


फास्टैग लागू होने से राहत मिली
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि FAS Tag (फास्टैग) लगाने के बाद टोल प्लाजा पर लगने वाले औसत समय में कमी आई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक अध्ययन में पाया कि फास्टैग लागू होने से पहले वाहनों को आमतौर पर 734 सेकंड लगते थे, जो अब केवल 47 सेकंड रह गया है।

इसके अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जो स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरा) से जुड़ा हुआ है, जो वाहनों को रोके बिना स्वचालित टोल संग्रह को सक्षम करेगा।