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Auto Desk : Second hand कार खरीदने से पहले जरूर चेक करें एक्सीडेंट हिस्ट्री

Haryana Update : सेकेंड हैंड मार्केट भारत का काफी बड़ा है, बहुत से लोग सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदते समय भारी गलती कर देते हैं, उन गलतियों में एक गलती कॉमन गलती है एक्सीडेंट हिस्ट्री न चेक करना
 
 Second hand कार खरीदने से पहले जरूर चेक करें एक्सीडेंट हिस्ट्री

आप सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की वेबसाइट पर जाकर भी गाड़ी की अन्य हिस्ट्री को भी चेक कर सकते हैं जो वाहन के पंजीकरण फिटनेस कर और बीमा विवरण के बारे में जानकारी देता है।

 सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले जरूर करें ये काम

 सेकेंड हैंड मार्केट भारत का काफी बड़ा है। बहुत से लोग सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदते समय भारी गलती कर देते हैं। उन गलतियों में एक गलती कॉमन गलती है एक्सीडेंट हिस्ट्री न चेक करना।

अगर आप एक्सीडेंटल गाड़ी को महंगी कीमत में खरीदते हैं तो बाद में आपको उसको ठीक करवाने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ेंगे, इसलिए आपको एक्सीडेंट हिस्ट्री कैसे चेक करते हैं उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

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भारत में कैसे किसी भी गाड़ी के एक्सीडेंट हिस्ट्री को चेक करें?
-किसी भी गाड़ी के एक्सीडेंट हिस्ट्री को चेक करने के लिए सबसे पहले गाड़ी के RC नंबर को देखना होता है, जिससे गाड़ी की अतिरिक्त डिटेल आसानी से मिल जाती है।
-आरसी नंबर प्लेट लेने के बाद आपको आरटीओ ऑफिस के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा, जहां गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
- अब आपको ऑफिशियल साइट पर जाकर अपना राज्य और आरटीओ लोकेशन चुनना होगा, उसके बाद आपको व्हीकल इंफार्मेंशन सेक्शन मिल जाएगा।
-आरटीओ की वेबसाइट पर आप पंजीकरण संख्या दर्ज करके अपने वाहन के दुर्घटना रिकॉर्ड की जांच कर सकते हैं। यह आपको तुरंत इस बारे में जानकारी देगा कि कार कितनी दुर्घटनाओं में शामिल रही है और क्या इसे "स्क्रैप्ड" वाहन घोषित किया गया है या नहीं।

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आप सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की वेबसाइट पर जाकर भी गाड़ी की अन्य हिस्ट्री को भी चेक कर सकते हैं,

जो वाहन के पंजीकरण, फिटनेस, कर और बीमा विवरण के बारे में जानकारी देता है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग भी रखती है एक्सीडेंट डेटाबेस
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग ने इंटीग्रेडेट रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आइआरएडी) लांच किया गया था, जहां इस एप के माध्यम से दुर्घटना वाले स्थान पर पहुंच कर पुलिस हादसे का पूरा डिटेल भरती है, जो सीधे भारत सरकार के पास पहुंचती है।

इसके बाद सरकार सड़क सुरक्षा पर काम करती है। यह एप पुलिस कर्मियों और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, कर्मचारियों के मोबाइल में ऑफर की जाती है।

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