New Disease: सामने आई नई बिमारी, इसके कारण पैरों की झुनझुनी लकवे में बदल जाती है, इस देश में फैली रही है ये जानलेवा बीमारी
Guillain Barre Syndrome: आपको बता दे कि गुइलेन-बैरी सिंड्रोम एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, आपको बता दे कि इसके कारण हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम हमारे शरीर की तंत्रिकाओं (Nerves) पर सिधा हमला करता है. आपको जान लेना चाहिए कि इसकी शुरूआत हाथों और पैरों में झुनझुनी और कमजोरी के साथ होती है, इतना ही नहीं यह बिमारी बहुत तेजी के साथ फैलती है. इतना ही नहीं इसके कारण रोगी के शरीर को लकवा भी मार सकता है. हम आपको सावधान कर दे कि यदि किसी को भी ऐसी अधिकांश हो तो उसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है. आपको बता दे कि इस बिमारी का कार्ण अभी तक सामने नहीं आया है. इस बिमारी के रोगीयों की रिपोर्टों से पता चला है कि इसके दो-तिहाई रोगियों में कोविड -19 या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण या जीका वायरस के लक्षण भी देखने को मिले है.
Haryana Update: दक्षिणी अमेरिकी देश पेरू (Peru) में एक खतरनाक बीमारी ने दस्तक दी है. यह है गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome). देशभर में इसके मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है.
जिसके बाद सोमवार को 90 दिनों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में 165 मामलों की असामान्य वृद्धि देखी गई है, वहीं चार लोगों की इससे मौत हो गई है.
बता दें कि पेरू ने इन बढ़ते मामलों को लेकर 27 जून को ही अलर्ट जारी किया था.
जाने आखिस क्या है ये गुइलेन-बैरी सिंड्रोम?
गुइलेन-बैरी सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम हमारी तंत्रिकाओं (Nerves) पर हमला करता है.
यह हाथों और पैरों में झुनझुनी और कमजोरी के साथ शुरू होता है, और तेजी से फैल सकता है. यहां तक कि शरीर को लकवा मार सकता है.
इस स्थिति वाले अधिकांश लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है. फिलहाल इस डिसऑर्डर का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है.
रिपोर्टों से पता चला है कि दो-तिहाई रोगियों में पिछले छह सप्ताह में कोविड -19 या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण या जीका वायरस के लक्षण देखे गए थे.
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जाने क्या है इसके लक्षण
उंगलियों, पैर की उंगलियों, कलाइयों, या कभी-कभी बांहों और चेहरे में भी झुनझुनी महसूस होना.
पैरों में कमजोरी, चलने या सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
चेहरे को हिलाने में कठिनाई होती है. बोलने, चबाने या निगलने में काफी दिक्कतें होती हैं.
इसमें पीड़ित को डबल दिखाई देता है. आंखों की पुतलियों को हिलाने में भी समस्याएं होती हैं.
शरीर में ऐंठन जैसा महसूस हो सकता है.
सांस लेने में कठिनाई और हार्ट बीट तेज होना.
आखिर कितने प्रकार की है ये बिमारी
गुइलेन-बैरी सिंड्रोम के तीन रूप हैं – एक्यूट इंफ्लेमेटरी डिमाइलेटिंग पॉलीरेडिकुलोन्यूरोपैथी (एआईडीपी), मिलर फिशर सिंड्रोम और एक्यूट मोटर एक्सोनल न्यूरोपैथी.
एक्यूट इंफ्लेमेटरी डिमाइलेटिंग पॉलीरेडिकुलोन्यूरोपैथी (एआईडीपी) उत्तरी अमेरिका और यूरोप में पाया जाने वाला सबसे आम रूप है. इस रूप का सबसे आम लक्षण मांसपेशियों में कमजोरी है, जो पूरे शरीर में फैल जाता है.
मिलर फिशर सिंड्रोम अमेरिका में कम और एशिया में अधिक आम है और मोटर एक्सोनल न्यूरोपैथी चीन, जापान और मेक्सिको में अधिक आम है. सभी के लक्षण आमतौर पर एक समान हैं.
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