UP Scheme : पुरानी पेंशन योजना को लेकर आया अंतिम फैसला, जानिए योगी सरकार की नीति
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने से इनकार कर दिया है। सरकार पुरानी पेंशन नहीं वापस लेगी। प्रदेश सरकार का कहना है कि कर्मचारियों को नई पेंशन में अधिक लाभ होगा। वास्तव में, कल विधानसभा में समाजवादी पार्टी के कई सदस्यों ने पुरानी पेंशन की बहाली पर सवाल उठाया।
पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं होगी, क्योंकि नई पेंशन में पुरानी से अधिक लाभ हैं, जैसा कि प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया।
मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कर्मचारियों की पेंशन का 25 प्रतिशत सरकार के पास सुरक्षित है और 15 प्रतिशत जिम्मेदार संस्थाओं के पास है। यूपी में 3.36 लाख शिक्षक और 5.59 लाख कर्मचारी NPS के तहत पंजीकृत हैं।
अखिलेश यादव ने चुनाव के समय की घोषणा की
चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को फिर से लागू करेगी। राज्य सरकार के अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी इससे लाभ उठाएंगे। अखिलेश ने कहा कि मैंने पहले ही इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स और कर्मचारियों से बातचीत की है और यह पता चला है कि यह धन बनाकर आवश्यक धन जुटाया जाएगा।
पुरानी पेंशन व्यवस्था की जानकारी
टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट ने बताया कि 2004 से पहले सरकारी काम करने वालों को रिटायरमेंट के बाद स्पष्ट पेंशन मिलती थी। यह पेंशन कर्मचारी की सेवा अवधि पर नहीं, बल्कि रिटायरमेंट के समय उनकी सैलरी पर निर्भर करती थी। इस कार्यक्रम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिवार को भी पेंशन सुविधा मिलती थी।
2004 से ये व्यवस्थाएं
2004 से, सशस्त्र बलों को छोड़कर सरकारी काम करने वालों को NPS स्कीम से पेंशन मिलता है। सरकार इस स्कीम में 14 प्रतिशत का योगदान देती है। वहीं कर्मचारी भी अंशदान करते हैं और रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के नाम से एक कोष बनाया जाता है। उसे रिटायरमेंट के बाद उस कॉर्पस से एक जमानत खरीदनी होगी। इस निधि के तहत एक मासिक पेंशन मिलती है।