Property News :- अगर आपके भी अटके हुए है इन शहरों में प्लॉट, तो तुरंत करें उपाय
Haryana Update :- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) उनके लिए एक विशिष्ट प्रणाली बनाने पर विचार कर रहा है। जिन ग्राहकों का होम लोन अकाउंट रिस्ट्रक्चर्ड या रिवाइव हुआ है, बैंक इसके तहत अधिक फाइनेंस दे सकते हैं। माना जाता है कि इससे देश भर में रुके हुए घरों की परियोजनाओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी। देश में अधिकांश घरेलू परियोजनाएं धन की कमी के कारण अटक गई हैं। देश में अटके पड़े कुल घरों में से दो-तिहाई एनसीआर (नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम तथा मुंबई) में हैं। होमबायर्स ने इनमें 60 प्रतिशत फ्लैट्स खरीद रखे हैं, जिसमें लगभग दो लाख करोड़ रुपये की पूंजी खर्च की गई है।
जानकारों का कहना है कि जी20 के शेरपा अमिताभ कांत ने एक कमेटी बनाई है। 19 जून को इसकी बैठक हुई, जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र में रुके हुए कामों पर चर्चा हुई। इस बैठक में बैंकों ने होमबायर्स को अतिरिक्त धन देने के लिए विशिष्ट नियंत्रण प्रणाली की मांग की। यह धनराशि रिस्ट्रक्चर्ड या रिवाइव होम लोन अकाउंट्स को दी जाएगी। आरबीआई के एक प्रतिनिधि ने इस बैठक में सूत्रों से कहा कि बैंक खास व्यवस्था पर विचार करेगा। इस पर चर्चा हो रही है। आरबीआई अपने निर्णय को जल्द ही समिति को बताएगा। इस राहत से बैंक मंजूर किए गए लोन का अतिरिक्त पैसा दे सकेंगे। हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के अटकने से बैंकों ने लोन की बाकी रकम नहीं दी है। आरबीआई को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला।
क्या समाधान होगा?
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन रवि मित्तल, फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी, फाइनेंस और हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारियों, आरबीआई के प्रतिनिधि और नोएडा अथॉरिटी के सीईओ, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन और एसबीआईकैप वेंचर्स ने भी मीटिंग में भाग लिया। अधिकारियों ने पहले कहा था कि सरकार अटके हुए घरों की समस्या को हल करने के लिए कई तरीकों पर काम कर रही है। इसमें रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी और लास्ट माइल फाइनेंसिंग के लिए विशेष विंडो भी दी जा रही है, जो अफोर्डेबल और मध्य-इनकम घरों के निवेशकों के लिए उपलब्ध है। साथ ही, आईबीसी की मदद से होमबायर्स को फ्लैट्स की जल्दी डिलीवरी का दबाव कम किया जा रहा है। इसमें घरों के लिए नवीनतम आईबीसी प्रणाली भी शामिल हैं।