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Samuh Yojana: क्या आपकी फैमिली की महिलाएं भी समूह बनाकर योजना से उठा सकती हैं फायदा? जानिए

Samuh Yojana: क्या एक ही घर की महिलाएं समूह बनाकर सरकारी योजना का लाभ ले सकती हैं? इस योजना के तहत 20 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। जानिए नियम, पात्रता और आवेदन की पूरी प्रक्रिया यहाँ।
 
 
Samuh Yojana: क्या आपकी फैमिली की महिलाएं भी समूह बनाकर योजना से उठा सकती हैं फायदा? जानिए
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Samuh Yojana: आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, फिर चाहे वो शहर हो या गांव। अब ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी मिलकर एक नया रास्ता बना रही हैं — स्वयं सहायता समूह यानी Self Help Group (SHG) के ज़रिए। ये समूह न सिर्फ आपसी सहयोग से जुड़ा होता है, बल्कि इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि घर की महिलाएं कैसे SHG बना सकती हैं, इसका ढांचा क्या होता है, रजिस्ट्रेशन कैसे कराना है, और इसे बनाने के बाद कौन-कौन से फायदे मिल सकते हैं।

स्वयं सहायता समूह (SHG) क्या होता है?

स्वयं सहायता समूह एक ऐसा छोटा संगठन होता है जिसमें 10 से 20 महिलाएं शामिल होती हैं, जो रोजाना या साप्ताहिक तौर पर एकत्र होकर छोटी बचत करती हैं और जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे को आर्थिक सहायता भी देती हैं। यह समूह आपसी विश्वास, सहयोग और समर्पण पर आधारित होता है।

सरकार की कई योजनाएं ऐसी हैं जो सीधे SHG को फायदा पहुंचाती हैं। इसके अलावा बैंक लोन, बिजनेस ट्रेनिंग और स्वरोजगार के अवसर भी ऐसे समूहों के लिए खोले जाते हैं।

कौन बना सकता है SHG?

घर की कोई भी महिला — चाहे वह गृहिणी हो, मजदूरी करती हो, खेतों में काम करती हो या पढ़ी-लिखी हो — SHG बना सकती है।

जरूरी बात ये है कि आपके आस-पास कम से कम 10 महिलाएं हों, जो नियमित रूप से एक जगह मिलकर काम करने को तैयार हों। ये महिलाएं एक ही गांव या मोहल्ले की हो सकती हैं।

SHG बनाने की प्रक्रिया

अगर आप भी एक SHG बनाना चाहती हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को अपनाएं:

1. महिलाओं को इकट्ठा करें

अपने गांव या बस्ती की 10 से 20 महिलाओं से बात करें जो रोजाना या साप्ताहिक तौर पर कुछ समय निकाल सकती हों। सभी महिलाओं में सहयोग की भावना होनी चाहिए।

2. समूह का ढांचा तैयार करें

SHG में एक निश्चित संरचना होती है:

  • अध्यक्ष (President) – जो पूरी बैठक की जिम्मेदारी संभाले

  • सचिव (Secretary) – जो लेखा-जोखा और रिकॉर्ड रखे

  • कोषाध्यक्ष (Treasurer) – जो बचत और खर्चों का हिसाब रखे

इन पदों को आपसी सहमति से तय किया जा सकता है।

3. बचत शुरू करें

हर सदस्य को एक निश्चित रकम, जैसे ₹50, ₹100 या ₹200 प्रतिमाह बचाना होता है। यह पैसा एकत्र किया जाता है और जरूरत पड़ने पर समूह के किसी सदस्य को दिया जा सकता है।

इस बचत को बाद में बैंक में जमा किया जाता है, जिससे समूह की फाइनेंशियल क्रेडिबिलिटी बढ़ती है।

4. संयुक्त बैंक खाता खोलें

जब कुछ महीनों तक बचत हो जाए, तो समूह के नाम पर नजदीकी बैंक में एक जॉइंट अकाउंट खोलें।

इसके लिए ज़रूरी दस्तावेज़:

  • सभी सदस्यों की सूची

  • आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो

  • अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष की पहचान

5. समूह का रजिस्ट्रेशन कराएं

अपने ब्लॉक या पंचायत कार्यालय में जाकर SHG का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इससे समूह को सरकारी योजनाओं, ट्रेनिंग और लोन में प्राथमिकता मिलती है।

रजिस्ट्रेशन के लिए:

  • समूह की मीटिंग रजिस्टर

  • सदस्यों की उपस्थिति लिस्ट

  • बैंक अकाउंट की कॉपी

  • पहचान पत्र

यह प्रक्रिया सरल है और सरकारी कार्यालय में उपलब्ध कर्मचारी इसमें सहायता करते हैं।

SHG बनने के बाद मिलने वाले फायदे

स्वयं सहायता समूह बन जाने के बाद आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं, जैसे:

1. बिना गारंटी के बैंक लोन

सरकार SHG को बैंक के ज़रिए बिना किसी सिक्योरिटी के ₹20 लाख तक का लोन दिलवाती है। यह लोन व्यवसाय शुरू करने, खेती के लिए उपकरण खरीदने या अन्य कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

2. ब्याज दर में छूट

अगर समूह समय पर लोन चुकाता है, तो सरकार ब्याज दर और 7% के बीच का अंतर सब्सिडी के रूप में देती है, अधिकतम ₹3 लाख तक।

3. रिवॉल्विंग फंड

SHG को ₹20,000 से ₹30,000 तक का प्रारंभिक फंड मिलता है जिसे वह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग कर सकता है।

4. व्यक्तिगत और सामूहिक सहायता

  • किसी सदस्य को व्यक्तिगत बिजनेस शुरू करना हो तो उसे ₹5 लाख तक का लोन मिल सकता है।

  • समूह के स्तर पर किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए ₹25 लाख तक की सहायता दी जा सकती है।

5. ट्रेनिंग और कौशल विकास

सरकार और NGOs मिलकर SHG की महिलाओं को सिलाई, बुनाई, मशरूम उत्पादन, अचार-जैम बनाना, पशुपालन आदि की ट्रेनिंग देते हैं, जिससे महिलाएं खुद का काम शुरू कर सकें।

एक प्रेरणादायक उदाहरण

उत्तराखंड की शशि बहुगुणा रतूड़ी ने गांव की महिलाओं को इकट्ठा करके एक SHG बनाया और "नमकवाली" नाम से ब्रांड शुरू किया। आज यह ब्रांड 110 गांवों की 500 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दे रहा है। यह दिखाता है कि एक छोटा कदम भी बड़े बदलाव ला सकता है।

कहां से लें जानकारी?

अगर आप SHG शुरू करना चाहती हैं, तो निम्न जगहों पर संपर्क करें:

  • नजदीकी पंचायत कार्यालय

  • ब्लॉक विकास कार्यालय (BDO)

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट

  • बैंक शाखा

वहां से आपको फॉर्म, ट्रेनिंग और अन्य सहायता से जुड़ी जानकारी मिल जाएगी।

स्वयं सहायता समूह महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का सशक्त माध्यम बन रहा है। यह सिर्फ एक समूह नहीं बल्कि एक परिवार जैसा होता है, जहां हर महिला एक-दूसरे की मदद करती है और साथ मिलकर आगे बढ़ती है। आज जरूरत है कि महिलाएं इस पहल को अपनाएं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करें।

अगर आपके पास भी 10 से 20 महिलाएं हैं, जो कुछ नया करना चाहती हैं, तो आज ही SHG बनाएं। एक छोटी शुरुआत से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।