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IAS Success Story: IAS अफसर बन बढ़ाई देश की शान, जानिए कैसे Kajal Jawla को मिली 28वीं रैंक

काजल UPSC परीक्षा पास तो करना चाहती थीं पर कुछ कारणों की वजह से वे तैयारी के लिए नौकरी नहीं छोड़ सकती थीं। उन्होंने ऐसा ही किया और अपनी मेहनत, सही प्लानिंग और फोकस के बल पर बिना कोचिंग के और नौकरी के साथ ही साल 2018 में 28वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास कर ली।
 
IAS Success Story: IAS अफसर बन बढ़ाई देश की शान, जानिए कैसे  Kajal Jawla को मिली 28वीं रैंक 

Success Story of Kajal Jawla: UPSC क्लीयर करने में सही स्ट्रेटजी और प्लांड स्टडी की बहुत जरूरत होती है ।हरियाणा के शामली की रहने वाली काजल की सफलता और उनके बीच का सबसे बड़ा रोड़ा था समय का अभाव। 
काजल UPSC परीक्षा पास तो करना चाहती थीं पर कुछ कारणों की वजह से वे तैयारी के लिए नौकरी नहीं छोड़ सकती थीं। उन्होंने ऐसा ही किया और अपनी मेहनत, सही प्लानिंग और फोकस के बल पर बिना कोचिंग के और नौकरी के साथ ही साल 2018 में 28वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास कर ली।

"पति की रही अहम भूमिका"


काजल ने एक इंटरव्यू में बताया कि आमतौर पर महिलाएं शादी को एक प्रकार की रुकावट मानती हैं और शादी के समय ही यह तय कर लेती हैं कि इसके साथ कुछ भी अचीव कर पाना संभव नहीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया
उन्होंने शादी को कभी बोझ नहीं माना और इसमें उनके पति कि अहम भूमिका रही।
उनके पति आशीष मलिक जो कि खुद इंडिया की अमेरिकन एम्बेसी में काम करते हैं, उन्होंने हमेशा उनका सहयोग किया ।

काजल ने अपने टाइम मैनेजमेंट के बारे में बताया कि उनका घर नोएडा में था और नौकरी गुड़गांव में। ऐसे में काफी समय आने-जाने में लग जाता था। काजल विप्रो कंपनी की अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ सकती थी

 

"न्यूज पेपर और मैगजीन पढ़ती थी"

 

ऐसे में वह कैब से आते-जाते समय रास्ते में पढ़ाई करती थीं ।करीब तीन घंटे का समय उन्हें इसमें मिलता था। इस समय में वे बेसिकली वह सब्जेक्ट चुनती थीं, जिसमें बहुत फोकस नहीं चाहिए जैसे करंट अफेयर्स के लिए न्यूज पेपर और मैगजीन पढ़ने का काम वह इस समय करती थीं ।
घर आने के बाद उनके पास पढ़ने के लिये एक-डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय नहीं बचता था पर इस टाइम पर वे पूरे फोकस से पढ़ती थीं।
इसके साथ ही वीकेंड्स पर अपना पूरा समय पढ़ाई पर लगाती थीं।

"आदर्श मानती हैं डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को"

परीक्षा पास न कर पाने के कारण वह खुद की अधूरी तैयारी को ही मानती हैं ।वे मानती हैं कि कमी उनके अंदर थी
अपने पति और परिवार के मोटिवेशन से उन्होंने हर बार पुरानी असफलता को भुलाकर नए सिरे से तैयारी की और फाइनली 2018 में 28वीं रैंक के साथ सफलता पा ली।

काजल जो असल जीवन में अपने पिता और बाहरी जीवन में डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं, ने यह सफलता आसानी से नहीं पाई ।इसके लिये उन्होंने कई अटेम्पट दिए ।
हालांकि अपने शुरुआती अटेम्पट के बारे में काजल कहती हैं कि उस समय उनकी तैयारी का लेवल वह नहीं था जो इस कठिन परीक्षा के लिए जरूरी है।

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