logo

Bihar Teacher Vacancy 2023 : बिहार में शिक्षक बनने का सुनहरा मौका, भर्ती का नोटिफिकेशन जारी! यहां जाने सम्पूर्ण भर्ती की जानकारी

Bihar Teacher Vacancy: सोमवार को जैसे ही Bihar Cabinet ने सातवें चरण की शिक्षक भर्ती के लिए नियमावली जारी की, अभ्यर्थियों के सवाल आने लगे। हर जवाब इस Explainer में है।

 
Bihar Teacher Niyamawali 2023

बिहार में पहले स्थायी शिक्षक ही रखे जाते थे। 2006 से नियोजन कर मानदेय आधारित रखे जाने लगे। फिर एक तरफ इनकी योग्यता पर सवाल उठने लगे और दूसरी तरफ शिक्षक योग्यता परीक्षा (CTET/STET) पास करने वालों को अपनी मेहनत का लाभ होता नहीं दिखा। हंगामा बढ़ा।

अब नए वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल ने स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए को मंजूरी दी। सोमवार को जैसे ही Bihar Cabinet ने शिक्षक भर्ती के सातवें चरण से नियुक्ति की नियमावली जारी की, अभ्यर्थियों के सवाल आने लगे। डेढ़ दर्जन सवालों के जवाब के जरिएर संशय का समाधान किया गया है

 यह भी देखे:Share Market: 1 मई से शेयर बाजार में नए नियम लागू, नहीं माने तो नहीं कर पाओगे इन्वेस्ट


1. इस नियमावली का नाम क्या रखा गया है?

  • बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023 इसका नाम रखा गया है।

2. किन विद्यालयों के शिक्षक इसके तहत भर्ती होंगे?

  • बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के तहत चलने वाले विद्यालयों में  अध्यापक (शिक्षक) भर्ती किए जाएंगे।

3. इनकी कोई अलग पहचान भी होगी?

  • हां। न तो यह अबतक नियोजित शिक्षकों के जैसे मानदेय वाले होंगे और न उससे पहले नियुक्त स्थायी शिक्षकों के संवर्ग में होंगे। इनके लिए नए संवर्ग का गठन किया गया है।

4. नियोजित और इनमें क्या अंतर होगा?

  • इस संवर्ग के शिक्षक सीधे राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन होंगे।सरकारी कर्मी होंगे। मानदेय नहीं, वेतन पर काम करेंगे। सरकारी सेवकों की तमाम सुविधाएं मिलेंगी।

5. क्या इसके लिए कोई परीक्षा होगी?

  • कैबिनेट के निर्णय के अनुसार राज्य सरकार की ओर से तय आयोग इस संवर्ग में नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा लेगा। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने बीपीएससी से परीक्षा लेने की उम्मीद जताई है।

यह भी देखे: Hindustan Zinc Shares: दो रुपये प्रति शेयर के अंकित मूल्य पर 1300 फीसदी का अंतरिम लाभांश, शेयर बना रोकेट

6. बीपीएससी परीक्षा लेगा तो कब होगी परीक्षा?

  • बिहार लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों संयुक्त परीक्षा को लेकर अहम घोषणा की है। 30 सितंबर को 69वीं पीटी परीक्षा में कई स्तर की नियुक्तियों के लिए संयुक्त परीक्षा होनी है। अगर बीपीएससी को परीक्षा का अधिकार मिला और शिक्षकों की नियुक्ति की इस परीक्षा का सिलेबस मैच किया तो इस पीटी के साथ यह भी परीक्षा संभव है।

7. क्या CTET-STET वालों को भी परीक्षा देनी होगी?

  • हां। इसकी पात्रता स्पष्ट की गई है कि राज्य सरकार या केन्द्र सरकार की शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET/CTET) में उत्तीर्ण ही इसके अभ्यर्थी होंगे। 2019 की STET मेरिट प्रतियोगिता परीक्षा या कोई भी ऐसी परीक्षा पास करने को लेकर सवाल-जवाब की गुंजाइश नहीं है।

8. किन पदों के लिए योग्यता का निर्धारण क्या है?

  • CTET-STET के अलावा, विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता अनिवार्य है। इसी तरह, विशेष विद्यालय अध्यापक के लिए अर्हता भारतीय पुनर्वास परिषद् के अनुरूप अनुमान्य होगी। विषय विशेष के शिक्षकों की नियुक्ति लिए अलग से विशेष अर्हता के निर्धारण का अधिकार भी विभाग के पास सुरक्षित है।

9. क्या इस परीक्षा में किसी को किसी तरह की छूट मिलेगी?

  • हां। दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण वैसे शिक्षक, जो वर्ष 2012 से पूर्व नियुक्त एवं कार्यरत हों, उनके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी।

10. क्या 2006 से अबतक नियोजित शिक्षक भी संवर्ग में आ सकते हैं?

  • हां। वर्ष 2006 से अबतक पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकायों के जरिए नियोजित शिक्षक भी इसी नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लेकर इस नए संवर्ग में आ सकते हैं। पात्रता की बाकी शर्तें उनपर भी लागू होगी।

11. क्या इस नियुक्ति के लिए भी अलग-अलग संवर्ग होगा?

  • राजकीय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, राजकीयकृत एवं प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियुक्त होने वाले विद्यालय अध्यापक का स्तरवार एवं विषयवार अलग-अलग संवर्ग होगा। इसी तरह, प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक तथा माध्यमिक विद्यालय एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषयवार विद्यालय अध्यापक का अलग-अलग संवर्ग होगा।

12. संवर्ग राज्य स्तर पर होगा या जिला स्तर पर?

  • सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे। आयोग इनका चयन कर शिक्षा विभाग को अनुशंसा देगा। शिक्षा विभाग संबंधित जिला के डीईओ को नियुक्ति हेतु इन्हें आवंटित करेगा। उसके बाद स्पष्ट होगा कि ये सभी संवर्ग जिला स्तर पर कैसे बंटेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) इस संवर्ग के नियुक्ति प्राधिकार होंगे।

13. क्या बिहार के बाहर के लोग भी आवेदन कर सकेंगे?

  • नहीं। आवेदक के लिए बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।

14. इसमें आरक्षण का भी प्रावधान रखा जाएगा?

  • हां। राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग ने जो भी आरक्षण प्रावधान प्रभावी रखा है या रखेगा, वह इसपर भी लागू होगा।

15. महिलाओं के लिए भी अलग से कुछ खास है?

  • सामान्य प्रशासन विभाग के आरक्षण रोस्टर से अलग, प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के पद पर प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50 प्रतिशत महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। विषम संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थी के लिए चिह्नित किया जाएगा। मतलब, 101 पद रहेगा तो 50 महिलाओं के लिए आरक्षित हो गया और 50 अनारक्षित। शेष एक पद महिलाओं के लिए ही रह जाएगा।

16. आरक्षण रोस्टर किस तरह प्रभावी किया जाएगा?

  • नियमावली लागू होने के बाद प्रथम समव्यवहार में विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु आरक्षण बिन्दु 01 से रोस्टर प्रारंभ होगा।

17. कोई परीक्षार्थी कितनी बार परीक्षा दे सकेगा?

  • कोई भी अभ्यर्थी इस नियमावली के अंतर्गत अधिकतम तीन बार परीक्षा में भाग ले सकेगा।

18. नियोजित शिक्षकों का क्या होगा?

  • अब जिला परिषद्/नगर निकाय इकाइयों से नए शिक्षक नियोजित नहीं होंगे। अबतक जो नियोजित हैं, उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वह पूर्ववत काम करते रहेंगे। उन्हें इस नियमावली का एक ही फायदा मिलेगा कि वह चाहें तो इस संवर्ग में शामिल होने के लिए अर्हता रहने पर परीक्षा दे सकते हैं।

19. क्या डीएलएड या बीएड पास होने से इस संवर्ग में नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं?

  • शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। बीएड-एमएड हैं तो भी हाईस्कूल टीचर बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास रहना अनिवार्य है।

20. नियोजन में आवेदित जिले में ड्यूटी थी। इसमें?

  • परीक्षा में मेरिट के आधार पर च्वाइस पोस्टिंग की प्राथमिकता होगी। मतलब, अधिक अंक वालों को च्वाइस पोस्टिंग मिल सकती है।

21. शिक्षकों के खाली पदों की संख्या कितनी है अभी?

  • 11वीं-12वीं, यानी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 89,734 पद खाली हैं। नौवीं-दसवीं के माध्यमिक स्कूलों में 44,193 पद खाली हैं। प्रारंभिक स्कूल, यानी आठवीं तक के स्कूलों में 80,257 पद खाली हैं। हाईस्कूलों में 7360 कंप्यूटर शिक्षकों के लिए भी कैबिनेट से पदों की स्वीकृति मिल चुकी है। इनके अलावा, 10,000 विशेष शिक्षक के पद भी खाली हैं।

22. सातवें चरण का मतलब क्या रह गया है अब?

  • बस, इतना ही कि सरकार ने सातवें चरण में करीब ढाई लाख शिक्षकों के खाली पदों की स्वीकृति दे रखी है। सातवें चरण का अर्थ नियोजन से जुड़ा था, लेकिन अब स्थायी संवर्ग की घोषणा के साथ इन चरणों का अर्थ सिमट कर रह गया है।
click here to join our whatsapp group