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अगर किसी व्यक्ति पर FIR दर्ज है तो वह नौकरी के लिए अयोग्य नही, FIR का मतलब दोष साबित होना नही- हाईकोर्ट

Haryana Breaking News: पंजाब-हरियाणा  हाईकोर्ट (Punjab-Haryana Highcourt) ने एक अहम फैसले में कहा है कि महज एफआईआर दर्ज होने पर किसी उम्मीदवार को नियुक्ति के लिए अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता।

 
अगर किसी व्यक्ति पर FIR दर्ज है तो वह नौकरी के लिए अयोग्य नही, FIR का मतलब दोष साबित होना नही- हाईकोर्ट

Haryana Latest News: आपको बता दें कि गुरूवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले की सुनवाई के दौरान स्थिति साफ की। जस्टिस राजबीर सेहरावत ने फैसले में कहा कि एफआईआर (FIR) दर्ज होने का मतलब यह नहीं कि आपको दोषी ठहरा दिया गया।

एफआईआर (FIR) घटना की रिपोर्ट है, कोर्ट का फैसला नहीं जिसे फाइनल समझ लिया जाए। किसी भी व्यक्ति को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब तक कि कोर्ट इस पर अपनी मोहर न लगा दे।

एफआईआर (FIR) दर्ज होने का मतलब आरोप साबित हो जाना नहीं है। ऐसे में महज एफआईआर (FIR) दर्ज होने पर किसी उम्मीदवार को नियुक्ति के अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता।

हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि जब तक कोर्ट में आरोप साबित न हो जाएं तब तक किसी भी व्यक्ति को निर्दोष ही माना जाएगा।

हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि आपराधिक मामले अदालतों में कई वर्षों तक लंबित रहते हैं। ट्रायल कोर्ट इस स्थिति में नहीं होती कि एक तय समय सीमा में आपराधिक मामलों पर फैसला दे सकें।

इसका फायदा उठाकर नियोक्ता यह शर्त रख देते हैं कि एफआईआर दर्ज हुई तो फिर नियुक्ति के लिए अयोग्य करार दे दिया जाएगा। यह उम्मीदवार को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर करने का रास्ता है।

 

 

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समान कानून आचार संहिता की अनदेखी
हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि एफआईआर दर्ज होने पर किसी उम्मीदवार को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर किया जाता है तो फिर ये समान कानून आचार संहिता की अनदेखी है।

मौजूदा मामले में उम्मीदवार ने नौकरी के लिए आवेदन किया, उस समय तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं थी। ऐसे में उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई।

नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान एफआईआर दर्ज हुई जिसकी जानकारी नियोक्ता को दे दी गई। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि जानबूझकर कोई तथ्य छिपाया गया।
 

जानिए क्या था पूरा मामला…
अंबाला निवासी महिला की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि उसने बैंक में नौकरी के लिए आवेदन दिया था। उसका चयन कर लिया गया था लेकिन एफआईआर दर्ज होने के चलते नियुक्ति पत्र को खारिज कर दिया गया।

याचिका में मांग की गई कि बैंक के इस फैसले को खारिज किया जाए और उसे नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। बैंक की तरफ से कहा गया कि एफआईआर दर्ज पर नियुक्ति पत्र खारिज किया गया।

याची को इस मामले में क्लीयरेंस हासिल करने को कहा गया था।
 

हाईकोर्ट ने दिए दो माह में नियुक्ति के निर्देश
हाईकोर्ट ने याचिका को मंजूर करते हुए दो माह में नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही याची को सभी सेवा व सीनियारिटी लाभ सहित वेतन तय के लाभ भी जारी करने के निर्देश दिए हैं।

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