World Milk Day: क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में वर्ल्ड मिल्क डे सेलिब्रेशन की शुरुआत क्यों हो गई है और इस साल की थीम क्या है?
World Milk Day: दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है। इसमें वे सभी तत्व मौजूद होते हैं जिनकी शरीर को जरूरत होती है। दुनिया को दूध की खपत के लाभों से अवगत कराने और दूध की खपत बढ़ाने के लिए विश्व दुग्ध दिवस बनाया गया था। 1380 में, खाद्य और कृषि संगठन ने पहली बार 1 जून को इस दिन को मनाना शुरू किया। एफएओ का मानना है कि दूध एक सार्वभौमिक भोजन है। दुनिया में कहीं भी ढूंढना आसान है। बच्चे हों या बड़े, ज्यादातर लोगों को दूध बहुत पसंद होता है। यह कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास क्या है?
विश्व दुग्ध दिवस का एकमात्र उद्देश्य डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देना था। हम चाहते हैं कि आम जनता दूध के फायदों को जाने और उन्हें ज्यादा से ज्यादा दूध का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करे। इसी वजह से 2001 में फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ने वर्ल्ड मिल्क डे मनाने की शुरुआत की। कई देशों में लायन डे विशेष अवसरों पर अलग से मनाया जाता है।
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विश्व दुग्ध दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
विश्व दुग्ध दिवस का उद्देश्य एक संतुलित आहार के रूप में दूध के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है जो शरीर को आवश्यक सभी खनिज प्रदान करता है। दूसरी ओर, डेयरी फार्मिंग भी स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन और प्रचार करती है। एफएओ के आंकड़ों के मुताबिक करीब 6 अरब लोग डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं। वहीं इस स्थानीय डेयरी कंपनी से करीब 1 अरब लोग अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
भारत के राज्य
वर्तमान समय में विश्व में दुग्ध उत्पादन में भारत की स्थिति बहुत अच्छी है। कभी दूध की कमी से जूझने वाला भारत आज दुनिया के अग्रणी दुग्ध उत्पादकों में से एक है। विश्व दुग्ध उत्पादन में भारत का हिस्सा लगभग 23% है।
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