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हरियाणा शिक्षा बोर्ड की मार्कशीट स्विट्जरलैंड से होगी प्रमाणित, शिक्षा मंत्री ने IB से किया ये समझौता जानिए

Haryana Update: हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने आईबी के महानिदेशक ओली-पेक्का हेनोनेन के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आईबी को लगभग सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषदों और अन्य संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है।

 
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Haryana Update: हरियाणा में अब 10वीं-12वीं की बोर्ड मार्कशीट हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (HSEB) के साथ स्विट्जरलैंड बोर्ड से भी प्रमाणित होंगी। एचएसईबी के साथ हुए समझौते के बाद अब मार्कशीट पर स्विट्जरलैंड बोर्ड के भी हस्ताक्षर और मोहर होगी। एमओयू के तहत गवर्नमेंट स्कूलों के टीचरों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाएगी।

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने आईबी के महानिदेशक ओली-पेक्का हेनोनेन के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने आईबी के महानिदेशक ओली-पेक्का हेनोनेन के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

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आईबी बोर्ड के तीन नुकसान भी

आईबी बोर्ड के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। पहला नुकसान IB स्कूलों में शिक्षा की लागत अन्य बोर्डों की अपेक्षाकृत अधिक है। इसके साथ ही आईबी देश में आईबी से संबंद्ध स्कूलों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम है। सबसे बड़ा नुकसान यह भी है कि भारत में प्रशिक्षण और किताबें मिलना लगभग असंभव है।

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क्या होगा फायदा?

एचएसईबी के इस फैसले से हरियाणा के बोर्ड परीक्षार्थियों को 5 फायदें होंगे। पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। दूसरा अंतरराष्ट्रीय स्कूलों और कॉलेजों तक स्विट्जरलैंड बोर्ड की आसान पहुंच है। इसके साथ ही तीसरा फायदा स्टूडेंट्स को स्लेबस को लेकर होगा।

इसका स्लेबस इंडीव्यूजुअल रिसर्च और एप्लीकेशन पर आधारित है। आईबी उन छात्रों के लिए सबसे उपयुक्त है जो पश्चिमी देश में रहना चाहते हैं। आईबी को लगभग सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषदों और अन्य संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है।

150 से अधिक देशों में करता है काम

1968 में स्विट्जरलैंड में स्थापित, IB को दुनिया के सबसे महंगे और प्रतिष्ठित आगे के शिक्षा संगठनों में से एक माना जाता है। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आईबी शिक्षा परिषद 150 से अधिक विभिन्न देशों में काम करती है। स्वीकृति के संदर्भ में, अधिकांश विश्वविद्यालय और स्कूल आईएस के शिक्षण को स्वीकार करते हैं।