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Delhi Liquor Case: आज ED करेगी तिहाड़ में मनीष सिसोदिया से पूछताछ

ईडी के अधिकारी सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए दोपहर को तिहाड़ जेल पहुंचेंगे. सीबीआई ने इस मामले में सिसोदिया को पिछले महीने गिरफ्तार किया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं.
 
Delhi Liquor Case: आज ED करेगी तिहाड़ में मनीष सिसोदिया से पूछताछ
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Delhi Liquor Case News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज यानि मंगलवार को मनीष सिसोदिया से पूछताछ करेगी.

वहीं, सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस मामले में एक और गिरफ्तारी की है. उसने हैदराबाद के शराब कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को हिरासत में लिया है.


ईडी के अधिकारी सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए दोपहर को तिहाड़ जेल पहुंचेंगे. सीबीआई ने इस मामले में सिसोदिया को पिछले महीने गिरफ्तार किया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

वहीं, पिल्लई को लंबी पूछताछ के बाद सोमवार शाम को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया. ईडी द्वारा इस मामले में यह 11वीं गिरफ्तारी है.

बुचिबाबू गोरांतला को मिली थी जमानत
सूत्रों ने बताया कि पिल्लई को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी पूछताछ के लिए उनकी हिरासत देने का अनुरोध करेगी. वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में हैदराबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरांतला को सोमवार को जमानत दे दी.

गोरांतला भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट बताए जाते हैं. कविता, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी हैं.

20 मार्च तक मनीष सिसोदिया हिरासत में
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को भी इस मामले में 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने वाले विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने गोरांतला को अपना पासपोर्ट जमा करने और सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया.

जज ने कहा कि हालांकि गोरांतला के मोबाइल फोन से कुछ आपत्तिजनक व्हाट्सएप संदेश बरामद किए गए, लेकिन उन संदेशों की सामग्री भी केवल पेशेवर क्षमता में और अपने मुवक्किल कविता के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन बैठकों में उनकी भागीदारी दिखाती है. उन्होंने कहा कि उक्त भागीदारी से आवेदक द्वारा किसी भी तरह के आर्थिक लाभ प्राप्त करने का पता नहीं चलता है.