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अब पंजाब के शहरों में भी शुरू हुआ वायु प्रदूषण का कहर, हालात हुए कंट्रोल से बाहर

पराली जलाने की घटनाओं के बाद अब दिल्ली ही नहीं पंजाब भी वायु प्रदूषण की चपेट में आ गया है. पंजाब में बीते दिन पराली जलाने के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और पंजाब के एयर क्वालिटी इंडेक्स की हालत बदतर हो गई है. 
 
अब पंजाब के शहरों में भी शुरू हुआ वायु प्रदूषण का कहर, हालात हुए कंट्रोल से बाहर      

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं के बाद अब दिल्ली ही नहीं पंजाब भी वायु प्रदूषण की चपेट में आ गया है. पंजाब में बीते दिन पराली जलाने के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और पंजाब के एयर क्वालिटी इंडेक्स की हालत बदतर हो गई है. बीते गुरुवार को पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं का आंकड़ा 24 हजार को पार कर गया है.


गुरुवार को कम से कम 2,666 खेत में आग लगने की सूचना मिली, जिसमें संगरूर में सबसे अधिक 452 घटनाएं हुईं. 200 से 300 के बीच एक्यूआई का वर्गीकरण खराब श्रेणी के अंतर्गत आता है और पंजाब ने बुधवार से गुरुवार शाम तक 271 का एक्यूआई दर्ज किया है.

मंडी गोबिंदगढ़ में 391 AQI और लुधियाना 319 AQI के साथ सबसे प्रदूषित रहे. पटियाला, अमृतसर, जालंधर और खन्ना में AQI क्रमशः 276 , 226 , 216 और 196 दर्ज किया गया है.

पिछले एक हफ्ते में राज्य में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि के बाद पंजाब का औसत प्रदूषण स्तर मध्यम श्रेणी में चला गया था. पंजाब में मंगलवार और बुधवार को औसत एक्यूआई स्तर क्रमशः 196 और 177 दर्ज किया गया था.

हालांकि सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को एक्यूआई 271 पर पहुंच गया. पिछले महीने जालंधर में औसत AQI 126, पटियाला में 116, मंडी गोबिंदगढ़ में 121, लुधियाना में 153, खन्ना में 111 और अमृतसर में 134 था.


दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 AQI “गंभीर प्लस” श्रेणी से कुछ ही कम है, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अधिकारियों को दिल्ली और आसपास के NCR जिलों में डीजल हल्के मोटर वाहनों (LMV) के चलने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है.

इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

पंजाब में इस साल 15 सितंबर से 3 नवंबर तक 24,146 पराली जलाने के मामले देखे गए, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 20,433 मामले थे.
 

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