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क्या है प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना, जाने इसके लम्बाई और लाभ

Urja Ganga Gas Pipeline Project News: पीएम ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना के जरिए सीएनजी, पीएनजी जैसी गैसों को एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंचाया जा रहा है.

 
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन प

Urja Ganga Gas Pipeline Project: पीएम ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. यह देश के कई राज्यों तक सीएनजी, पीएनजी पहुंचाने में सक्षम है. इसकी शुरुआत अक्टूबर, 2016 में हुई. इसके तहत उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया, झारखंड के बोकारो और ओडिशा के धामरा तक 2,655 किलोमीटर लंबी  पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ.

जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल) को प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन कहा जाता है. बाद में इस लाइन को बिहार में बरौनी और असम में गुवाहाटी तक बढ़ाया गया. इसकी कुल लंबाई करीब 726 किलोमीटर है. इस पर अभी काम चल रहा है.

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इस पाइप लाइन का इस्तेमाल कब से शुरू होगा?

यह पाइपलाइन बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल को गैस की आपूर्ति करने के लिए तैयार है. अब क्रमवार इन क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को सस्ती सीएनजी और पीएनजी की आपूर्ति की जा सकेगी. हम सब जानते हैं कि अभी तक परंपरागत रूप से प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली और उर्वरक उत्पादन में ज्यादा किया जाता है.

इसी गैस को वाहनों में इस्तेमाल के लिए सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल होने वाली पीएनजी में भी बदला जाता है. यह गैस अभी सिर्फ पश्चिमी और उत्तर भारत के राज्यों में उपलब्ध थी. पर, नई पाइपलाइन के तैयार होने के बाद पूर्वी राज्यों को भी इसका लाभ मिलन शुरू हो गया.

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किस संस्था को केंद्र ने सौंपी थी जिम्मेदारी?

प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी गेल (इंडिया) लिमिटेड को सौंपी गई थी. इसी कंपनी ने पूरी पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा किया है. सरकार ने जेएचबीडीपीएल के क्रियान्वयन के लिए 40 प्रतिशत का व्यवहार्यता अंतर कोष (वीजीएफ) प्रदान किया है. यह राशि 5,176 करोड़ रुपये बैठती है.

इसके तहत गेल इंडिया लिमिटेड, बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन भी बिछा रही है, जो पूर्वोत्तर गैस ग्रिड पाइपलाइन के लिए स्रोत का काम करेगी. प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आगे देश के पूर्वोत्तर इलाके के पूरे भौगोलिक क्षेत्र को जोड़ेगी.

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