logo

गाँव जितनी तरक्की शहरों में कहाँ, शहरों से भी ज्यादा पैसा कमाते है गाँव वाले, शुरू करें ये बिजनेस अपने गाँव में

लोग वापस गांव जा रहे हैं क्योंकि शहर की भागदौड़, 10 से 6 जॉब और लैपटॉप की जिंदगी उन्हें सुकून नहीं देती। यहाँ की हवा सुखदायक है और लाभदायक भी है। कैसे जानें?
 
गाँव जितनी तरक्की शहरों में कहाँ, शहरों से भी ज्यादा पैसा कमाते है गाँव वाले, शुरू करें ये बिजनेस अपने गाँव में 
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

कृषि का हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। ये काम सिर्फ किसानों का नहीं है। यदि आप अपने घर पर गार्डनिंग करते हैं तो ये भी अर्बन गार्डनिंग है। यद्यपि देश की एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है, कृषि उत्पादों पर पूरी दुनिया निर्भर है। आज भारत में उत्पादित कृषि उत्पादों को विदेशों में निर्यात किया जाता है। कोरोनावायरस महामारी के दौरान हर व्यवसाय बंद था। उस समय सिर्फ खेती और किसानों ने जीवित रहे।

लोगों ने इस क्षेत्र का महत्व समझा और शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी छोड़कर कृषि से जुड़ गए। ये क्रम अभी भी जारी है।  कई लोग गांव में आकर कृषि और कृषि से जुड़े उद्यमों में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन वे नहीं जानते कि कौन-सा उद्यम सबसे अधिक मुनाफा देता है. इसलिए आज हम आपको उन कृषि उद्यमों की जानकारी देंगे जो आपको आज और भविष्य में अच्छा मुनाफा देंगे।

ऑर्गेनिक फल-सब्जियों की खेती से भारत की मिट्टी में उत्पादित फल-सब्जियों की मांग दुनिया भर में फैलती है। कैमिकल उत्पादित फल-सब्जी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इसलिए बहुत से लोग भारत और पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक फल-सब्जी खाते हैं।भविष्य में ऑर्गेनिक फल-सब्जियों की मांग और बढ़ेगी, इसलिए आप उनकी खेती कर सकते हैं और शहरों में उनकी मार्केटिंग भी कर सकते हैं।

इसके लिए आपको FSSAI और सरकार से भी एक सर्टिफिकेट लेना होगा। आप चाहें तो अपनी ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों को बाहर भी बेच सकते हैं।जैविक खेती के लिए सरकार भी कई योजनाओं के माध्यम से ट्रेनिंग, तकनीकी सहायता और आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जो एक अच्छी बात है।

हरियाणा के बेरोजगार भाइयो के लिए खास स्कीम, खुद का रोजगार खुद बनाएँ, करें ये बिजनेस स्टार्ट
दूध-डेयरी उद्योग की सेहत के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ रही है। स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन को डाइट में शामिल करना बेहद महत्वपूर्ण है, और दूध सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है। भारत में दूध-डेयरी उद्योग बहुत सफल है। शहरों में गाय-भैंस का दूध और इससे बने स्वस्थ उत्पादों की बहुत मांग है। गांव में आमतौर पर खुला और साफ वातावरण होता है, जहां पशुधन और डेयरी का काम आसान होता है।

आप चाहें तो गाय, भैंस या बकरी पालन करके दूध उत्पादन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए अच्छी-खासी जगह की जरूरत है। खुद का दूध उत्पादन कर सकते हैं और डेयरी फैक्ट्री खोल सकते हैं, जहां लोग खुद भी दूध खरीद सकते हैं। आप चाहें तो दूध और इससे बने उत्पादों को खुद का ब्रांड बनाकर बेच सकते हैं। 

कोरोनावायरस के बाद से हर्बल खेती में लोगों का विश्वास बढ़ गया है। बीमारियों में सुबह-शाम दवाईयां खाने की जगह लोगों ने जड़ी-बूटियों या औषधियों का सेवन करना शुरू कर दिया है। कई बड़ी कंपनियां जड़ी-बूटियों और औषधियों से देसी दवाएं बनाकर बेचती हैं। आयुर्वेद, हिमालया हर्ब्स और पतंजली जैसे बड़े दवा कंपनियों का सिद्धांत मानते हैं।

ये कंपनियां किसानों से पूरी जड़ी-बूटी या औषधी खरीदकर खेती की कुछ लागत को आपस में बाँटती हैं। औषधीय खेती की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें खर्च ना के बराबर आता है। आप बंजर जमीन खरीदकर या पट्टे पर लेकर औषधियों की खेती कर सकते हैं। बीमारी के दौर में औषधीय खेती और इसकी प्रक्रियाओं का बिजनेस भी आपको बड़ा मुनाफा दे सकता है. यह सब बहुत सस्ता हो सकता है।

पोल्ट्री फार्मिंग में अंडे और मांस की मांग भी बढ़ी है। सुबह-सुबह अंडे खाने का प्रचलन बढ़ गया है। शहरों में भी चिकन की मांग बढ़ी है। ऐसे में पोल्ट्री का व्यवसाय किसी भी साधारण व्यवसाय से अधिक लाभदायक हो सकता है। यदि आप पोल्ट्री खेती में अनुभवहीन हैं, तो आत्मा योजना या राष्ट्रीय लाइवस्टॉक स्कीम में आवेदन करें।

बाद में राज्य और केंद्रीय सरकारें आपको पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए धन और तकनीकी ट्रेनिंग देंगी। आप सीधे अंडा-मांस उत्पादन करने वाले पोल्ट्री फार्म की जगह ब्रायल पोल्ट्री फार्म खोल सकते हैं, जहां चूजों का उत्पादन किया जाता है और फिर उन्हें दूसरे पोल्ट्री फार्मों को बेचा जाता है, यूपी सरकार जल्द ही राज्य को पोल्ट्री हब बनाने जा रही है। ये एक अच्छा मौका हो सकता है कि आप एक नया व्यवसाय शुरू करें।

अब वर्मीकंपोस्ट यूनिट किसानों को कैमिकल से मिट्टी को होने वाले नुकसान से बचाते हैं, इसलिए वे प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इन दोनों तरह की खेती कम खर्च में बेहतर उत्पादन और अच्छी आय देगी। जैविक खेती के लिए ऑर्गेनिक खाद-उर्वरक अब बहुत जरूरी हैं। खेती और गार्डनिंग में भी वर्मीकंपोस्ट एक प्रमुख जैविक खाद है।

खेती में भी इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए आप किसानों और पशुपालकों से गोबर और फसल अवशेष खरीदकर खुद की वर्मीकंपोस्ट, जैविक खाद और जैव उर्वरक बना सकते हैं। ये एक पूरी तरह से इकोफ्रैंडली व्यवसाय है, जिसमें जीरो वेस्ट और अच्छी आय है।