Success Story : नौकरी छोड़कर किया अपना काम शुरू, 20,000 की पूंजी से किया 1100 करोड़ का कारोबार
Haryana Update, Success Story : देश में पिछले कुछ वर्षों में बिजनेस के ऐसे नए-नए विचारों का जबरदस्त स्वागत हुआ है। अपने विशिष्ट बिजनेस मॉडल ने फ्लिपकार्ट, ओला और जोमैटो सहित कई कंपनियों को सफलता मिली। इन कंपनियों ने हालांकि ऑनलाइन मार्केट में धूम मचाई। लेकिन आज हम आपको एक व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने बिजनेस विचारों और उत्पादों से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में सफलता हासिल की है। खास बात यह है कि बच्चों की बीमारी से तंग आकर इस आदमी ने करोड़ों लोगों को लाभ देने का विचार किया। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना उसकी जिम्मेदारी थी। महेश गुप्ता की कंपनी, जो सिर्फ 20,000 रुपये से शुरू हुई थी, अब 1100 करोड़ से अधिक का मालिक है।
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यह एक सफल कहानी है कि केंट आरओ (Kent RO) के संस्थापक महेश गुप्ता ने अपने बच्चों की बीमारी के चलते एक जल प्यूरीफायर बनाने का विचार पाया। महेश गुप्ता के दोनों बच्चों को प्रदूषित पानी पीने से पीलिया हो गया था। उस समय भारत में 200,000 लोग गंदे पानी से पीड़ित थे, न सिर्फ उनके बच्चे। इस समस्या को हल करने के लिए उपलब्ध कोई बेहतर वाटर प्यूरीफायर नहीं था। उन्हें पता चला कि उस समय मार्केट में उपलब्ध वाटर प्यूरिफॉयर केवल अल् ट्रावायलेट तकनीक पर निर्भर थे, जिससे महेश गुप्ता को एक बिजनेस आइडिया मिला। महेश गुप्ता उस समय इंडियन ऑयल में काम करते थे। लेकिन उन्होंने वाटर प्यूरीफायर बनाने का व्यवसाय करने के लिए नौकरी छोड़ दी। उस समय उनके पास सिर्फ दो हजार रुपये थे, और इसी पूंजी से उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया। महेश गुप्ता ने अमेरिका से एक मेम्बेर्न और पंप का अनुरोध किया। शुरू में उन्होंने घरेलू प्यूरीफायर बनाया। लेकिन ऐसा नहीं था। वे छह महीने तक हर तकनीक को आजमाया, लेकिन पानी से अशुद्धियों को बाहर नहीं निकाल पाए।
6 महीने तक लगातार कोशिश करने के बाद उन्हें इसका समाधान मिला. महेश गुप्ता ने अशुद्धियों को दूर करने के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) तकनीक की खोज की. इस तरह 1999 में, केंट आरओ अस्तित्व में आया. हालांकि, केंट आरओ के लिए मार्केट में पहचान बनाना इतना आसान नहीं था. क्योंकि, यूरेका फोर्ब्स के पास एक्वागार्ड का स्वामित्व था और बाजार उसकी 70 % हिस्सेदारी थी. लेकिन एक्वगार्ड को टक्कर देने के लिए महेश गुप्ता ने कम कीमत में वाटर प्यूरीफायर बेचना शुरू किया. जब एक्वागार्ड की कीमत 5,000 रुपये थी तब महेश ने अपना उत्पाद 20,000 रुपये में लॉन्च किया था .प्रोडक्ट की क्वालिटी को देखते हुए लोगों ने इसे खरीदना पसंद किया और धीरे धीरे यह बिजनेस सफलता के नए आयाम छूने लगा. अब केंट आरओ का बिजनेस वैल्यूशन करोड़ों में है. महेश गुप्ता के अनुसार, कंपनी का पिछले साल का टर्नओवर 1100 करोड़ रहा. उनकी कंपनी अब आरओ के अलावा और भी कई प्रोडक्ट्स बना रही है. महेश गुप्ता ने अपने वाटर प्यूरीफायर की ब्रांडिंग के लिए मशहूर एक्ट्रेस हेमा मालिनी को ब्रांड एम्बेसडर बनाया था.
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