RBI ने रेपो रेट में की कटौती, जानें कटौती की वजह
RBI Repo Rate:नीतिगत क्षेत्र में जल्दबाजी में उठाया गया कोई भी कदम अब तक कीमत क्षेत्र में हासिल की गई सफलताओं पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
Haryana Update: आरबीआई ने मौद्रिक समीक्षा बैठक के दौरान रेपो रेट को फिर से 6.5% पर स्थिर रखा। इस बार लोगों को उम्मीद थी कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर राहत देगा। आरबीआई की एमपीसी बैठकों में अब कारण सामने आया है कि ब्याज दरों में कटौती क्यों नहीं की गई। उनका कहना था कि ब्याज दरों में कटौती करना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। उनका कहना था कि नीतिगत दरों पर जल्दीबाजी में लिया गया निर्णय अब तक की कोशिशों को बर्बाद कर सकता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का प्रयास अभी पूरा नहीं हुआ है। उनका कहना था कि नीतिगत क्षेत्र में जल्दबाजी में उठाया गया कोई भी कदम अब तक कीमत क्षेत्र में हासिल की गई सफलताओं पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
22 फरवरी, गुरुवार को जारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक की रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति का रुख इस समय सतर्क होना चाहिए और यह नहीं मानना चाहिए कि मुद्रास्फीति के मोर्चे पर हमारा काम समाप्त हो गया है। फरवरी के छह से आठ को एमपीसी की बैठक हुई। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को कम करने के 'अंतिम छोर' को पार करने के लिए एमपीसी को दृढ़ रहना चाहिए।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के पक्ष में मतदान करते समय यह टिप्पणी की। गवर्नर ने ब्योरे में कहा कि जल्दबाजी में कोई भी कार्रवाई अब तक की सफलता को कमजोर कर सकती है।
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