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Onion Price: दिवाली से पहले प्याज के महँगे होने का राज क्या है

देश में प्याज (प्याज) की कीमतों ने टमाटर के बाद लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। पिछले एक हफ्ते में देश भर में प्याज की कीमतों में पांच से छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दूसरे शब्दों में, जो प्याज कुछ दिन पहले 30 से 40 रुपये प्रति किलो था, वह अब 80 से 100 रुपये तक पहुंच गया है।
 
Onion Price:  दिवाली से पहले प्याज के महँगे होने का राज क्या है
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Haryana Update:आप प्याज की मूल्यगणना जानते हैं। प्याज की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है, दिल्ली, भोपाल, कोलकाता, जयपुर, बेंगलुरु, आगरा और मुंबई सहित देश के हर शहर में। चंद दिन पहले, प्याज 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम मिलता था। ठीक है, प्याज अब 80 रुपये से अधिक है। सब्जी मंडी से घरों तक पहुंचने से पहले प्याज खरीदना इतना महंगा क्यों हो गया?

प्याज की कीमतों में भारी वृद्धि

दिल्ली से सटे गाजीपुर की सब्जी मंडी में प्याज की कीमतों में उछाल के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि अभी तक प्याज की कीमतों में इतना इजाफा हुआ है। उससे लोगों का घर बजट खराब हो गया है, लेकिन यह हाल ही में रहने वाला है। कानपुर में भी प्याज के बढ़े दामों से लोग चिंतित हैं। उनका कहना है कि पहले टमाटर की कीमतें बढ़ गईं और अब प्याज भी महंगा हो गया है।

और प्याज की लागत क्या होगी?

आगरा में भी ऐसा ही है। सब लोग त्योहार के दौरान प्याज की कीमतों में इतना बढ़ोतरी क्यों हुई? मुंबई में भी प्याज की कीमतों में उछाल से लोग बहुत परेशान हैं। उनका कहना है कि प्याज की कीमतों में निरंतर वृद्धि क्यों हो रही है? सरकार को प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कोई कार्रवाई करनी चाहिए। प्याज की कीमतों में ऐसा उछाल जाहिर है कि आम लोगों को परेशान करता है। हालाँकि, उम्मीद है कि सरकार जल्द ही प्याज के दामों पर नियंत्रण लगा सकती है। लेकिन इस समय प्याज महंगाई से लोग रो रहे हैं।

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प्याज इतना महंगा क्यों हो गया?

वास्तव में, देश में प्याज की खेती की क्षेत्रफल दो लाख हेक्टेयर से कम हो गई है। इससे उत्पादन में 14,82,000 मीट्रिक टन की गिरावट आई है। 2022-23 में प्याज की खेती 17,41,000 हेक्टेयर में हुई, जबकि 2021-22 में 19,41,000 हेक्टेयर में हुई। यानी पिछले एक साल में ही प्याज की खेती में 10% से अधिक की गिरावट आई। 2022-23 के दौरान भी 3,02,05,000 मीट्रिक टन प्याज उत्पादित हुआ है। २०२१-२२ में ३,१८,७०० मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था। यानी एक साल में उत्पादन लगभग 5% गिर गया। महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के प्याज की खरीद में लगभग एक महीने की देरी की एक वजह से प्याज की कीमतें बढ़ी हैं। मॉनसून की बारिश अभी तक नहीं हुई है, इसलिए खरीफ सीजन का प्याज बाजार में नहीं आया है। यह बाजार में तेजी लाता है।