Health Insurance: किसी भी इंशयोरेंस के लेने से पहले देख ले उसका वेटिंग पीरियड, आखिर क्या है वेटिंग पीरियड और क्या है इसका महत्व
Health Insurance:हम आपको बता दे कि आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस के लिए वेटिंग पीरियड कई प्रकार के होते हैं. आज के समय में वेटिंग पीरियड 30 दिन से लेकर 6 साल तक का होता है. अलग-अलग प्रकार के वेटिंग पीरियड की अवधि अलग-अलग होती है.
Haryana Update: कोविड-19 के आने के बाद से लोग इंश्योरेंस को लेकर काफी सजग हो गए हैं. महामारी के दौरान अस्पताल और दवाओं के खर्च ने लोगों को स्वास्थ्य बीमा के प्रति अधिक जागरुक कर दिया है. हालांकि, अब भी कई लोग वेटिंग पीरियड के फेर को नहीं समझ पाते हैं और इंश्योरेंस की शर्तों में उलझ कर रह जाते हैं.
दरअसल, वेटिंग पीरियड भी एक तरह का नहीं होता है. यह भी एक कारण होता है कि लोग कंफ्यूज हो जाते हैं. लेकिन वेटिंग पीरियड के इस जाल को सुलझाना जरूरी है वरना आप गलत इंश्योरेंस खरीद कर अपना नुकसान करवा सकते हैं.
हम आपको बता रहे हैं कि वेटिंग पीरियड कितने प्रकार के होते हैं. साथ ही यह आपको यह भी बताएंगे कि हर वेटिंग पीरियड का मतलब क्या होता है, ताकि आप कोई गलत इंश्योरेंस पॉलिसी ना खरीदें और आपातकालीन स्थिति में वेटिंग पीरियड के फेर में ना फंसें. आइए जानते हैं वेटिंग पीरियड के प्रकार और उनके मायने.
जाने क्या है स्टैंडर्ड कूलिंग ऑफ या प्रारंभिक वेटिंग पीरियड?
किसी भी इंश्योरेंस का यह शुरुआती वेटिंग पीरियड होता है. यह अमूमन 30 दिनों का होता है. इस दौरान आप अगर किसी बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं तो आप इंश्योरेंस क्लेम नहीं कर सकते हैं. हालांकि, दुर्घटना की स्थिति में क्लेम किया जा सकता है. अपने बीमादाता से यह जरूर जान लें कि बीमा का प्रारंभिक वेटिंग पीरियड कितना है.
आखिर क्या है प्री-एक्सिसटिंग डिजीज
पहले से मौजूद बीमारियों के लिए भी वेटिंग पीरियड होता है. यह पीरियड अलग-अलग बीमादाता द्वारा अलग-अलग टाइम तक दिया जा सकता है. आमतौर पर यह अवधि 2-4 साल की होती है.
इस दौरान अगर आप किसी पहले से मौजूद बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं तो आप इंश्योरेंस क्लेम नहीं कर पाएंगे. संभव है कि यह वेटिंग पीरियड किसी खास बीमारी पर ही लागू हो रहा हो.
क्या है ये मैटरनिटी वेटिंग पीरियड
इंश्योरेंस में मैटरनिटी के लिए जो भी लाभ मिलता है उसमें 9 महीने से 6 साल तक का वेटिंग पीरियड हो सकता है. हालांकि, अधिकांश बीमा कंपनियां इस संबंध में कोई लाभ देती ही नहीं हैं. इसी तरह मानसिक विकार के लिए भी वेटिंग पीरियड अलग होता है और वह भी 2 साल तक का हो सकता है.
किसी भी प्लान को लेने से पहले जान ले पूरी बात
कोई भी इंश्योरेंस प्लान से पहले आपको वेटिंग पीरियड को अच्छे से जान-समझ लेना चाहिए. हर कंपनी अलग-अलग वेटिंग पीरियड देती है. कम वेटिंग पीरियड वाली कंपनियों का प्रीमियम अधिक हो सकता है. इसलिए आप ऐसा प्लान चुनें जो त्वरित रूप से आपकी जेब पर बोझ ना बनें, लेकिन वेटिंग पीरियड भी बहुत ज्यादा ना हो.