logo

RBI UPI Credit Line Policy: अब यूपीआई से ले सकेंगे डिजिटल क्रेडिट लाइन सुविधा

Haryana Update : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नई मौद्रिक नीति की घोषणा के साथ ही एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के दायरे को बढ़ा दिया है, घोषणा के मुताबिक, कर्जदारों को बैंकों से डिजिटल क्रेडिट लाइन का उपयोग करने के लिए UPI का इस्तेमाल किया जा सकेगा
 
अब यूपीआई से ले सकेंगे डिजिटल क्रेडिट लाइन सुविधा
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana Update : Digital Credit Lines Through UPI भारत में कर्जदाताओं को सुविधा देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी कि UPI की लिमिट को बढ़ाया जा रहा है। अब इसके जरिए बैंकों से क्रेडिट लाइन लेना आसान हो जाएगा। 

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "यूपीआई ने भारत में खुदरा भुगतान की परंपरा को बदल दिया है। समय-समय पर नए उत्पादों और सुविधाओं को विकसित करने के लिए यूपीआई की मजबूती का लाभ उठाया गया है।"

इस तरह मिलेगा फायदा
UPI के नए नियम आने के बाद उधारकर्ता को यूपीआई के माध्यम से "अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें" जैसे डिजिटल क्रेडिट लाइनों का उपयोग करने में सक्षम बनाया जाएगा।

यह भी पढ़े-Govt Scheme : बेसहारा गाय को पालने वालों की हुई बल्ले-बल्ले

बता दें कि इसका उपयोग पहले से ही भारत के डिजिटलीकरण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, जिसमें RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने की हालिया अनुमति भी शामिल है। वहीं दूसरी तरफ, वर्तमान में UPI लेनदेन बैंकों में जमा खातों के बीच सक्षम होते हैं और कभी-कभी प्री-पेड वॉलेट द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं।

तेजी से बढ़ रहा UPI का इस्तेमाल
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में UPI के इस्तेमाल में जबरदस्त बढ़त देखने को मिली है। मार्च 2023 में, UPI ने 8.7 बिलियन के लेनदेन दर्ज किए, जो कि अब तक तक सबसे बड़ा आंकड़ा है।

साथ ही साल-दर-साल आधार पर,रीयल-टाइम भुगतान में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यूपीआई के माध्यम से भुगतान पिछले 12 महीनों में तेजी से बढ़ा है और दैनिक लेनदेन 36 करोड़ को पार कर गया है।

यह भी पढ़े-PPF Scheme Latest Update: PPF Scheme को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, अब केंद्र सरकार दे रही पूरे 42 लाख

आने वाले दिन में और बढ़त की उम्मीद
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस की बढ़ती डिमांड की वजह से उम्मीद की जा रही है कि प्लेटफॉर्म पर दैनिक लेनदेन अगले तीन साल में 1 बिलियन तक पहुंच सकता है। साथ ही भारत जैसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश में इसे दस गुणा तक बढ़ने की उम्मीद है।