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हो जाए सावधान! Credit Card से अब नहीं होंगे ये काम, अब बीमाधारकों पर पड़ेगा इसका सीधा influence

Haryana Update: अधिकांश बीमा ऋण आठ से 15 प्रतिशत दर वाले होते हैं जबकि क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें 20 प्रतिशत से ऊपर हो सकती हैं
 
हो जाए सावधान! Credit Card से अब नहीं होंगे ये काम, अब बीमाधारकों पर पड़ेगा इसका सीधा influence

Credit Card: भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने हाल ही में अपने एक आदेश में सभी जीवन बीमाकर्ताओं से कहा है कि वे बीमा पॉलिसी गिरवी रखकर लिए गए कर्जों को चुकाने में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर फौरन रोक लगाएं.

सिक्योरनाउ के सह-संस्थापक कपिल मेहता के मुताबिक, नियामक को यह लगता है कि क्रेडिट कार्ड से बीमा ऋण चुकाने वाले कर्ज के जाल में फंस जाते हैं.

Insurance
आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी कमलेश राव ने कहा कि यह आदेश पॉलिसीधारकों के सर्वोत्तम हितों को सुनिश्चित करने में मदद करता है और जिम्मेदार वित्तीय योजना का समर्थन करता है.

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इस निर्देश पर बीमा कंपनियों ने कहा है कि क्रेडिट कार्ड पर उधार लेकर और कार्ड पर बकाया राशि पर बहुत अधिक ब्याज दरों का भुगतान करके लोन चुकाना ग्राहक के हित में नहीं था.

विशेषज्ञों का मत है कि वित्तीय अनुशासन सबसे अहम है और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कर्ज चुकाने से बचा जाना चाहिए. इसकी वजह यह है कि भुगतान में चूक होने या आंशिक भुगतान के मामले में, कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को भारी ब्याज दरों का भुगतान करना होगा.
Policy

कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस के अध्यक्ष, मुख्य बीमांकक और मुख्य जोखिम अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि बीमा नियामक का यह एक अच्छा कदम है क्योंकि यह पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करता है.

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उन्होंने कहा, ‘‘पॉलिसी पर लिए गए कर्ज पर ब्याज दरें बिना गारंटी वाले व्यक्तिगत ऋण की तुलना में बहुत कम हैं लिहाजा ग्राहकों के लिए पॉलिसी ऋण चुकाने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना वित्तीय समझदारी नहीं होगी.’’

 

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