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Atta Price: लिजिए दस रुपये प्रति किलो आटा, जानिए किस ब्रांड की क्या है कीमत

Atta Price: महंगाई की मार आम आदमी को लगी है। पिछले पंद्रह दिनों में आटे की कीमत 2 रुपये प्रति किलो बढ़ी है। इस बीच, गुरुवार को कोकर इंडस्ट्रियल एरिया और बिरसा चौक पर सरकार की ओर से सस्ता आटा उपलब्ध कराया जाएगा।
 
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Atta Price: महंगाई की मार आम आदमी को लगी है। पिछले पंद्रह दिनों में आटे की कीमत 2 रुपये प्रति किलो बढ़ी है। इस बीच, गुरुवार को कोकर इंडस्ट्रियल एरिया और बिरसा चौक पर सरकार की ओर से सस्ता आटा उपलब्ध कराया जाएगा। गुरुवार सुबह 10.30 बजे से कोकर औद्योगिक क्षेत्र और बिरसा चौक में भारत आटा का वितरण भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीआई) करेगा।

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मध्यम वर्ग को आटे की बढ़ती कीमतें परेशान करती हैं

बाजार में आटे की कीमतें बढ़ने से मध्यम वर्ग के रसोई घरों का बजट खराब हो गया है। राजधानी में पंद्रह दिन पहले पचास किलो आटा 1,400 रुपये में खरीदा जाता था, लेकिन अब 1,550 रुपये प्रति किलो खरीदा जाता है।

छोटी दुकानें पहले 1500 रुपये प्रति किलो आटा बेचती थीं, लेकिन अब 1700 रुपये प्रति किलो बेचती हैं। सोयाबीन, मटर, काबुली चना, चना, मैदा, अरहर दाल और आटा की सब्जी की कीमतें बढ़ी हैं।

तीन महीने पहले अरहर दाल 90 से 100 रुपये प्रति किलो बेचा जाता था, लेकिन अब 160 से 165 रुपये प्रति किलो बेचा जाता है। मसूर दाल 70 से 75 रुपये प्रति किलो है।

थोक आटा और चावल विक्रेताओं ने कहा कि जनवरी तक आटे की कीमत 1 से 2 रुपये प्रति किलो तक बढ़ सकती है। नवीन आटा आते ही इसकी कीमत 5 रुपये प्रति किलो कम हो जाती है।

दुकानदार क्या कहते हैं?

आने वाले दिनों में आटे का मूल्य बढ़ सकता है। जनवरी में इसकी लागत कम हो जाएगी। आम आदमी को आने वाले दिनों में प्रति किलो 1 से 2 रुपये अतिरिक्त देने पड़ सकते हैं।
काबुली चना 130 रुपये प्रति किलो थोक बाजार में बिक रहा है।
राजधानी के थोक बाजार में काबुली चने की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। महंगाई ने साधारण लोगों को मोटे अनाज से दूर कर दिया है।
जबकि सरकार का लक्ष्य सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोग मोटा अनाज प्राप्त करें। दो महीने पहले, काबुली चना 100-110 रुपये प्रति किलो में खरीदा जाता था, लेकिन अब 130-140 रुपये प्रति किलो में खरीदा जाता है।
मोबाइल वैन द्वारा राज्य भर में आटे की आपूर्ति

भारत सरकार आम उपभोक्ताओं को प्रति किलो आटा 27.50 रुपये देगी। मोबाइल वैन आटा को शहर के सड़कों पर बेचेंगे।
एनसीसीएफ के बिहार-ओडिशा प्रभारी बृजबिहारी सिंह ने बताया कि गेहूं की आपूर्ति के लिए भुगतान की प्रक्रिया अभी चल रही है।
गेहूं पिसाई के लिए रांची के दो मिल मालिकों से भी बातचीत चल रही है। मोबाइल वैन राज्य भर में आटा देंगे। NCF पहले से ही 60 रुपये प्रति किलो रांची चना दाल उपभोक्ताओं को देने की कोशिश कर रहा है।