logo

युवाओं को अब family id के जरिए मिलेगा रोजगार, साथ ही ये फायदे, जानिए कैसे ?

राज्य के हर परिवार को एक परिवार-एक पहचान कार्यक्रम के तहत परिवार आईडी दी जाएगी। राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव, व्यापक डेटाबेस इस ID के तहत बनाया जाएगा। सरकार हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को काम मिलेगा।
 
युवाओं को अब family id के जरिए मिलेगा रोजगार, साथ ही ये फायदे, जानिए कैसे ?
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Haryana Update : एक परिवार-एक पहचान कार्यक्रम के अंतर्गत फैमिली पासबुक, लखनऊ में रोजगार और जागरण डिजिटल डेस्क बनेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार जनता से किए गए चुनावी वादों को कार्यान्वित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'परिवार आईडी' की घोषणा की है। यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार ने हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार-सेवायोजन से जोड़ने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए शुरू की है।

राज्य के हर परिवार को एक परिवार-एक पहचान कार्यक्रम के तहत परिवार आईडी दी जाएगी। राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव, व्यापक डेटाबेस इस ID के तहत बनाया जाएगा। सरकार इस डाटाबेस से हर परिवार की जानकारी इकट्ठा करके हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को काम मिलेगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना से जुड़ी बैठक में, "परिवार आईडी के साथ-साथ पास-बुक भी हो तैयार" का वादा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर परिवार को शासकीय कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभों का पूरा विवरण रखने वाला परिवार का पासबुक भी बनाया जाए। पास-बुक और परिवार आईडी जारी करने से पुराने परिवार के बारे में सभी जानकारी जुटाई जाएगी और इसकी सत्यता भी जांची जाएगी।

CM योगी ने कहा कि हर परिवार की अलग-अलग परिवार आईडी और परिवार पासबुक में उनसे जुड़ी सभी जानकारी होने से सरकार को डेटा मिलेगा। इस सूचना के अनुसार, हर परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होगा।

"परिवार आईडी" के लिए यहां पंजीयन करें. हर परिवार का राशन कार्ड संख्या उनका परिवार आईडी होगा। इसका अर्थ है कि जिस परिवार के पास राशन कार्ड है, उसका राशन कार्ड नंबर परिवार का आईडी होगा। परिवार जो राशन कार्ड नहीं रखते हैं, https://familyid.up.gov.in पर पंजीयन करके परिवार आईडी पा सकते हैं।

परिवार इस आईडी के लिए सरकारी वेबसाइट पर जा सकते हैं। इसके लिए अब तक 78 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 33 हजार से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं।